Computer notes in hindi – कंप्यूटर नोट्स इन हिंदी

कंप्यूटर क्या है (What is Computer)

Computer notes in hindi (Computer hindi notes) – दोस्तों हम बात करें आपसे कुछ साल पहले की तो उस वक्त हमारा कंप्यूटर उतना ज्यादा develop  नहीं था, उस वक्त कंप्यूटर का इस्तेमाल सिर्फ कैलकुलेशन के लिए ही किया जाता था यानी कि जिस प्रकार आज हम एक छोटे  केलकुलेटर को इस्तेमाल में लाते हैं।

उसी प्रकार उस वक्त कंप्यूटर को एक केलकुलेटर के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता था, लेकिन बाद में इसमें ओर भी नई- नई तकनीक जुड़ती गई और आज यह पूरी तरह से एक कंप्यूटर के रूप में उभर कर सामने आया है।

जिसमें कि हम दुनिया भर के सारे काम बहुत आसानी से कर सकते हैं। आज मैं आपको Computer notes in hindi की पूरी जानकारी दूंगा।

आज हम जाएंगे

  • Computer notes in hindi (कंप्यूटर नोट्स इन हिंदीa)
  • Computer full form (कंप्यूटर फुल फॉर्म )
  • Computer keyboard shortcuts
  • Computer memory
  • Computer processor

कंप्यूटर के जनक (Father of Computer)

कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है,  चार्ल्स बैबेज का जन्म लंदन में हुआ था।

Computer full form – कंप्यूटर फुल फॉर्म

C – Commonly

O – Operated

M – Machine

P- Particularly

U- Used

T – Technical

E – Educational

R – Research

Computer parts name

  • Micro Processor
  • CPU
  • Mother Board
  • UPS
  • Monitor
  • Keyboard
  • Mouse
  • Memory
  • Hard Disk Drive
  • Modem
  • Sound Card

कंप्यूटर को दो भागों में विभाजित किया गया है (Computer hindi notes)

  • Hardware
  • Software

Hardware

कंप्यूटर में हार्डवेयर उसे कहा जाता है जिसे हम बाहर से देख सकते हैं और छू सकते हैं जैसे कि

  • मॉनिटर – Monitor
  • कीबोर्ड – Keyboard
  • सीपीयू – CPU
  • माउस – Mouse

Monitor – Monitor बिल्कुल एक टीवी की तरह होती है, जिसमें की कंप्यूटर की सारी चीजें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं कि उसके अंदर क्या काम हो रहा है।

Keyboard – इसका प्रयोग कंप्यूटर के टाइपिंग में किया जाता है। इसमें हम कंप्यूटर को लिखकर संदेश देते हैं और इसके बदले में कंप्यूटर हमें आउटपुट (output) देता है।

Mouse – माउस कंप्यूटर को पूरी तरह से कंट्रोल करते है, माउस के द्वारा ही हम पूरे कंप्यूटर को चला पाते है। keyboard की तरह इसमें भी हम कंप्यूटर को instructions देते हैं ताकि वह हमारे लिए काम कर सके।

C.P.U – सीपीयू असल में एक डब्बे को कहा जाता है, जिसके अंदर बहुत सारे छोटे-छोटे कॉम्पोनेंट मौजूद होते हैं और keyboard, mouse, monitor सारी चीजें CPU से ही जुड़ी होती है।

दोस्तों ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि सीपीयू उस बड़े से डब्बे को कहा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। CPU एक छोटे से प्रोसेसर को कहा जाता है, जो कि उस डब्बे के अंदर में मौजूद होता है।

Hardware को दो भागों में बांटा गया है

  • Input device
  • Output device

Input device – कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाए जाने वाले डिवाइस input device है। इसकी मदद से हम कंप्यूटर को कोई इंस्ट्रक्शन दे पाते हैं।

जैसे कि मान लीजिए कि आपको कंप्यूटर में 2 और 2 को जोड़ना है तो इस स्थिति में आप अपने कीबोर्ड में 2 + 2  लिखते हैं तो कंप्यूटर आपको स्क्रीन पर 4 दिखाता है तो यहां पर कीबोर्ड हमारा इनपुट डिवाइस है, क्योंकि इसका इस्तेमाल करके हमने कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन दिया।

दोस्तों mouse, keyboard,microphone,pendrive इत्यादि यह सारे इनपुट डिवाइस है

Output device – दोस्तों इनपुट डिवाइस से जब हम कोई इंस्ट्रक्शन कंप्यूटर को देते हैं तो वह उसके बदले में हमें रिजल्ट देता है तो आखिर इस रिजल्ट को वह कैसे देगा ऊपर के उदाहरण में मैंने आपको बताया कि इनपुट क्या होता है तो उसमें कंप्यूटर के द्वारा जो 4 आउटपुट दिया गया वह हमें कंप्यूटर मॉनिटर पर दिखाया जाएगा, क्योंकि यहां मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है।

कुछ अन्य आउटपुट डिवाइस जैसे कि monitor, speaker, projecter, printer, इत्यादि

Keyboard shortcuts in hindi

Ctrl + A : Select All

Ctrl + P : Print

Ctrl + B : Bold

Ctrl + C: Copy

Ctrl + D: Font

Ctrl + V: Pest

Ctrl + X: Cut

Ctrl + Y : Redo

Ctrl + Z : Undo

Ctrl + M: Move

Ctrl + N: New File

Ctrl + O: Open File

Ctrl + E: Center

Ctrl + F: Find

Ctrl + G: Go To

Ctrl + I : Italic

Ctrl + J: Justified

कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture)

Computer Architecture में Central Processing Unit केेन्‍द्र में रहता है। यह सारी चीजों को कंट्रोल करता है। Input device द्वारा डाटा और निर्देशों को कंप्‍यूटर में एंटर किया जाता है और इसके बाद (C.P.U) Central Processing Unit डाटा को प्रोसेस करता है और आपको आउटपुट देता है।

यह आउटपुट किसी भी तरीके से दे सकता है वह चाहे monitor, speaker, किसी की भी  सहायता से दे सकता है। data process करनेे में यह अपने दो भागोंं की मदद लेता है। 

  1. अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) 
  2. कंट्रोल यूनिट (Control Unit)

Arithmetic logic unit – यह यूनिट कंप्यूटर के ऐसे कामों को संभालता है, जोकि गणना से जुड़ी हो या फिर ऑप्शन से जुड़ी हो जैसे कि (+, ×,÷,-) इत्यादि तथा ऐसे काम जो कि हां और ना में किया जा सकता है।

जैसे कि कंप्यूटर से जब हम कोई फाइल डिलीट करते हैं तो उस वक्त हमें पूछा जाता है डिलीट करना है (OK) या नहीं (Cancel) और फिर हमें कोई एक ऑप्शन choose  करने को कहा जाता है तो यह सारे काम को Arithmetic logic unit संभालती है।

Control Unit – कंट्रोल यूनिट का काम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि एक CPU के अंदर बहुत सारे छोटे-छोटे प्रोसेसर काम करती है।

जैसे कि Arithmetic logic unit, Input unit, Output unit इत्यादि और इन सभी processer  में तालमेल बैठाना बहुत ज्यादा जरूरी है अन्यथा यह सही तरीके से काम नहीं कर पाएंगे और यह तालमेल बिठाने का काम Control unit ही करते है।

Processer में कोर (Core) क्या होता है

दोस्तों Core एक चीज होती है जो कि प्रोसेसर के अंदर लगी होती है और कोर का काम होता है, गणना करना। दोस्तों कंप्यूटर पूरी तरह से गणना पर ही आधारित है यहां हर काम गणना से ही शुरू होती है और गणना से ही खत्म होती है लेकिन इसे आम आदमी के लिए समझना कठिन है। इसे सिर्फ एक कंप्यूटर ही समझ सकता है।

इसका मतलब यह हुआ कि जिस प्रोसेसर की Core अधिक है, वह प्रोसेसर अधिक जल्दी Calculate करेगा अर्थात वह कंप्यूटर बहुत ज्यादा तेज काम करेगा।

अतः एक बहुत ज्यादा तेज कंप्यूटर के लिए उसकी Core अधिक होने चाहिए।

कंप्यूटर मेमोरी क्या है (What is Computer memory)

वैसे तो हम सभी लोगों को यह पता है कि C.P.U को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है, क्योंकि सीपीयू में ही वह सारे काम होते हैं जो कि हम कंप्यूटर में करवाना चाहते हैं और सीपीयू में उस सारे काम को कंप्यूटर हमें करके भी देता है।

लेकिन एक इंसानी मस्तिष्क जो की पुरानी बातों को याद रखने की भी क्षमता रखता है और यही क्षमता कंप्यूटर भी रखता है, वह अपने किए गए कामों को याद रखने की क्षमता भी रखता है लेकिन यह वह प्रोसेसिंग यूनिट में नहीं करता है।

इसके लिए अलग से चिप लगे होते हैं और वहां वे अपने डाटा को जमा करके रखते हैं ताकि भविष्य में जब हमारी कभी उस डाटा की जरूरत हो तो कंप्यूटर हमें वह डाटा दे सके तो आइए जानते हैं कि यह डाटा कहां कहां और किस तरह से स्टोर होते हैं।

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कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Type of Computer memory)

Two types of Computer Memory

  1. Primary Memory
  2. Secondary Memory

Primary memory – (प्राथमिक मेमोरी) इसे volatile  के नाम से भी जाना जाता है।यह कंप्यूटर की रफ्तार को बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें डाटा स्टोर तो होता है लेकिन कुछ समय के लिए ही जब हम काम कर रहे होते हैं।

उस वक्त वह डाटा को स्टोर करके रखता है, लेकिन जैसे ही हमने वह काम करना छोड़ा वह अपने डाटा को तुरंत ही डिलीट कर देता है।

दोस्तों यह काम बहुत ज्यादा जल्दी होता है या 1 सेकेंड के अंदर 100 gb से भी ज्यादा डाटा स्टोर कर सकता है और उसे डिलीट भी कर सकता है।

इसमें हम भविष्य के लिए डाटा को स्टोर करके नहीं रख सकते है, इसीलिए इसे प्राइमरी मेमोरी कहा जाता है।

Secondary memory – (सेकेंडरी मेमोरी) लेकिन दोस्तों सेकेंडरी मेमोरी के साथ ऐसा नहीं है, सेकेंडरी मेमोरी में डाटा जब तक हम ना चाहे तब तक save नहीं होता है इसमें हमें डाटा को save करना पड़ता है तथा इसमें save किए हुए डाटा तब तक रहती है।

जब तक कि हम खुद उसे वहां से हटा ना दें और कभी-कभी तो यह हमारे हटाने के बावजूद भी कुछ समय तक डाटा को अपने पास रखती है, जिसे कि बाद में हम उस डाटा को फिर से जरूरत पड़ने पर निकाल सकें।

Conclusion

मुझे उम्मीद है मेरे द्वारा दी गई जानकारी (Computer notes in hindi) आप लोगों की बहुत मदद की होगी और इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा भी होगा होगा।

आपको आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य कीजिएगा और अगर आपके मन में कुछ सुझाव हो तो हमें अवश्य दें

धन्यवाद

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