आज हम जानेंगे कि मध्य प्रदेश की राजधानी कहां है? (madhya pradesh ki rajdhani kahan hai) तथा मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है? (madhya pradesh ki rajdhani kya hai) एवं मध्य प्रदेश की राजधानी (Capital of Madhya Pradesh In Hindi) की पूरी जानकारी मैं आज आपको देने वाला हूं।
मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है? (Madhya Pradesh ki rajdhani kahan hai)
मध्य प्रदेश की राजधानी ‘भोपाल’ है।
भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल है। यहीं भोपाल जिले का मुख्यालय भी स्थित है। कुछ मतो के अनुसार इस शहर का नाम भोपाल, राजा भूपाल शाह के नाम पर पड़ा है।
इस शहर की स्थापना परमार राजा भोज के द्वारा 1000-1055 ईस्वी में करवाई गई थी, उस समय उनके राज्य की राजधानी धार थी जो अभी मध्य प्रदेश का एक जिला है। इसीलिए भोपाल शहर को ‘राजा भोज की नगरी’ भी कहा जाता है। इस शहर में कई छोटे-बड़े ताल(झीलें) भी स्थित है जिस कारण से ‘झीलों की नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है।
मध्य प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की राजधानी की जनसंख्या
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार इस शहर की कुल जनसंख्या 1,795,648 के करीब की दर्ज की गई थी। वही भोपाल जिले की कुल जनसंख्या 2,368,145 थी। पुरुष एवं महिलाओं की अलग-अलग जनसंख्या क्रमशः 1239378 एवं 1128767 की दर्ज की गई थी।
साक्षरता दर में, शहर की कुल साक्षरता दर 82.26% के करीब है, जिसमें से 87.44% पुरुष एवं 76.59% महिलाएं साक्षर है। क्षेत्रफल में यह शहर 285.9 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से 527 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
जनसंख्या में, धार्मिक आधार पर कुल जनसंख्या का 56% हिंदू एवं 40% मुस्लिम है इसके अलावा जनसंख्या का छोटा हिस्सा अलग धर्म से संबंध रखता है।
मध्य प्रदेश की राजधानी की भूगोल एवं जलवायु
भूगोल एवं जलवायु में मध्य प्रदेश की राजधानी होने के कारण यह देश के मध्य भाग में स्थित है एवं पूर्व में विंध्य पर्वत श्रृंखला से घिरा है। शहर के एक पहाड़ी इलाके पर स्थित होने के कारण इसका भूभाग ऊंचा नीचा है, एवं इसके दायरे में कई छोटे पहाड़ भी आते हैं जैसे अरेरा हिल, कतारा हिल, ईदगाह हिल आदि।
पहाड़ी इलाके के बावजूद इसका तापमान ज्यादातर गर्म रहता है। जलवायु में, शरद ऋतु में सामान्य ठंडी रहती है परंतु गर्मियों में गर्मी थोड़ी अधिक होती है। जून माह से लेकर सितंबर अक्टूबर के महीने तक वर्षा ऋतु रहती है, जिस दौरान सामान्य वर्षा ही होती है।
भोपाल शहर से, भारत देश के इतिहास के सबसे बड़े दुर्घटनाओं में से एक का नाम जुड़ा है। जिसे भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। इस कारण यह शहर बहुत सुर्खियों में आ गया था। 2-3 दिसंबर की रात 1984 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड पेस्टिसाइड प्लांट जो कि भोपाल में स्थित है इसके कारखाने से एक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ था, जिसके कारण 20 हजार के करीब लोगों की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस घटना को भोपाल गैस कांड आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दुर्घटना को पूरे विश्व के सबसे भयानक इंडस्ट्रियल डिजास्टर्स में गिना जाता है।
भोपाल शहर की अन्य विशेषताओं में यहां भेल यानी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड का कारखाना स्थित है जिसका औद्योगिक महत्व है। इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र का दूसरा मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी यहां स्थापित की गई है। पूरे भारत देश में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान जो कि भारतीय वन प्रबंधन संस्थान है भोपाल में ही स्थित है। यहां भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भी वर्ष 2014 से कार्यशील है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी भोपाल शहर में कई बड़े संस्थान है जिनमें अनेक विश्वविद्यालय जैसे- अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भारतीय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों का नाम आता है। इसके अलावा अन्य संस्थानों में मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय जैसे संस्थान आते हैं।
मध्य प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की राजधानी में पर्यटन स्थल
पर्यटन क्षेत्र में भी यहां के कई स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिनमें यहां का छोटा तालाब, बड़ा तालाब, अभयारण्य, भारत भवन, शहीद भवन भीमबेटका जैसे स्थलों का नाम आता है। यूनेस्को द्वारा संरक्षित सांची का स्तूप जो पर्यटकों का एक मुख्य पर्यटन स्थल है भोपाल के पास ही स्थित है। भोपाल से समीप पर्यटन स्थलों में 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भोजपुर मंदिर, भेल स्थित श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा जैसे स्थान आते हैं। प्रमुख पर्यटन स्थल-
भीमबेटका गुफाएं भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गुफाएं प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए प्रसिद्ध है। यह चित्रकारिया 12000 वर्ष पूर्व की मानी जाती है जो प्रागैतिहासिक काल के जीवन को दर्शाती है।
श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा, भेल । करीब 3 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस मंदिर में श्री राम की स्थापना की गई थी। अन्य कुछ देवताओं की मूर्तियां भी यहां स्थापित है। यह श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए एक सही स्थान है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर जोकि पहाड़ी क्षेत्र में 7-8 एकड़ में फैला है एवं इसकी ख्याति विभिन्न क्षेत्रों में है। यहां भी श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ तू मरती है।
भगवान शिव को समर्पित भोजेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है शहर भोजपुर (जो कि भोपाल से 28 किलोमीटर की दूरी पर है) भी घूमना पर्यटक पसंद करते हैं।
अन्य पर्यटक स्थलों में मोती मस्जिद, ताज उल मस्जिद, सदर मंजिल, शौकत महल, गौहर महल, पुरातात्विक संग्रहालय, भारत भवन, शौर्य स्मारक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय जैसे स्थान आते हैं। ये भी पर्यटन दृष्टिकोण से इस शहर की शोभा बढ़ाते हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी में यातायात की सुविधा
परिवहन और यातायात में यहां सड़क मार्ग,रेल मार्ग एवं वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में मध्य प्रदेश राज्य और इसके पड़ोसी राज्यों के शहरों से भोपाल शहर तक के लिए नियमित बस सुविधाएं उपलब्ध है। देश के अन्य क्षेत्रों के बड़े शहरों से भी राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा यह जुड़ा हुआ है। निजी वाहनों से भी सड़क मार्ग यहां आने का एक अच्छा विकल्प है।
हवाई मार्ग में भोपाल का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा राजा भोज हवाई अड्डा शहर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देश के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई दिल्ली चेन्नई कोलकाता हैदराबाद आदि से यहां के लिए नियमित उड़ान सेवाएं उपलब्ध है जिसमें एयर इंडिया एवं अन्य निजी एयरलाइंस कंपनियां कार्यरत है।
रेल मार्ग भी यहां पहुंचने का एक अच्छा विकल्प है भोपाल का रेलवे स्टेशन देश के दूसरे बड़े शहरों के रेलवे स्टेशनों से जुड़ा है यहां का रेलवे स्टेशन भारतीय रेल के दिल्ली- चेन्नई मार्ग पर पड़ता है। बड़े शहरों से एक्सप्रेस ट्रेनें यहां के लिए नियमित रूप से चलती है। दिल्ली को भोपाल से सीधा सीधा शताब्दी एक्सप्रेस जोड़ती है।