सिक्किम की राजधानी कहां है? | Capital of Sikkim in hindi

आज हम जानेंगे कि सिक्किम की राजधानी कहां है? (sikkim ki rajdhani kahan hai) या सिक्किम की राजधानी क्या है? (sikkim ki rajdhani kya hai) तथा सिक्किम एवं सिक्किम के राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?

सिक्किम के राजधानी (Capital of Sikkim in hindi) के बारे में पूरे विस्तार से जानने के लिए इसे पूरे ध्यान से पढ़ें।

सिक्किम की राजधानी क्या है? (Sikkim ki rajdhani kahan hai)

Capital of Sikkim in hindi

सिक्किम की राजधानी ‘गंगटोक’ है।

भारत देश के जनसंख्या के दृष्टिकोण से सबसे छोटे और उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम की राजधानी गंगटोक है, जिसे स्थानीय नाम में गांतोक भी कहा जाता है। 1975 में सिक्किम का एक राज्य के रूप में गठन होने पर गंगटोक को इसकी राजधानी चुना गया था। यह शहर पूर्व सिक्किम जिले में स्थित है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ यहां के प्राचीन मंदिर, महल और मठो के लिए जाना जाता है। यह शहर पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा है। गंगटोक भारत देश के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक है। यहां पारंपरिकता और आधुनिकता का मिश्रण देखने को मिलता है।

क्षेत्रफल एवं जनसंख्या

क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में गंगटोक शहर 19.2 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है एवं समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1650 मीटर  की है। जनसंख्या में साल 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार गंगटोक शहर की कुल शहरी जनसंख्या 100286 के करीब की दर्ज की गई थी।

जनसंख्या के हिसाब से इस शहर का भारत में 494वा स्थान है। जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक इस शहर का लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुष 912 महिलाएं है। साक्षरता दर में, यहां की औसत साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत साक्षरता दर से अधिक, 89.33% है।

भूगोल एवं जलवायु

भूगोल एवं जलवायु में, गंगटोक शहर सिक्किम के दक्षिणी भाग में रानीपुल नदी के पश्चिम की ओर बसा है। यहां से कंचनजंगा शिखर की पूरी श्रृंखला का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। कंचनजंगा को यहां के लोगों द्वारा देवी के रूप में पूजा जाता है। जलवायु में यह शहर उपोष्णकटिबंधीय जलवायु से प्रभावित है।

ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इस स्थान पर साल भर तक सुखद वातावरण रहता है अप्रैल से जून के मध्य गंगटोक में गर्मी का मौसम रहता है जिस दौरान अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है। जून से अक्टूबर के बीच मानसून रहता है जिस दौरान यहां तीव्र वर्षा के कारण भूस्खलन भी होता है। शीतकाल के दौरान यहां सर्दी काफी होती है, इस दौरान न्यूनतम तापमान – 3 डिग्री सेल्सियस तक भी गिर जाता है।

पर्यटन स्थल

पर्यटन स्थलों में सिक्किम का गंगटोक शहर अपने प्राचीन मंदिर महलों और मठों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर बौद्ध धर्म से संबंधित बहुत से महत्वपूर्ण स्थान है जिससे बौद्ध धर्म में रुचि रखने वालों के लिए यह एक अच्छा पर्यटन स्थल बनता है। इसके अलावा यहां के मठ, स्तूप एवं प्राकृतिक सुंदरता भी दर्शन योग्य होते हैं।

दर्शन योग्य अन्य स्थानों में हनुमान टोक, गणेश टोक तथा ताशी व्यू प्वाइंट जैसे स्थान आते हैं। Institute of tibetology बौद्ध धर्म में रुचि रखने वालों  के लिए बेहतरीन स्थल है जहां बौद्ध धर्म से संबंधित धर्म ग्रंथ तथा अमूल्य प्राचीन अवशेष रखे हुए हैं।

गंगटोक से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक 300 वर्ष पुराना मठ रूमटेक मठ के नाम से जाना जाता है, जो कि सिक्किम का सबसे पुराना नोट है इसका पुनर्निर्माण 1960 के दशक में किया गया था। इस मठ में साधना के लिए अलग खंड तथा एक विद्यालय भी है। यहां बौद्ध धर्म से संबंधित वस्तुएं तथा अमूल्य चीज  चीजें रखी है।

द्रुपटोब कारपो को समर्पित इनहेंची मठ जिसकी स्थापना मूल रूप से 200 वर्ष पहले की गई थी। इस मठ का मुख्य आकर्षण जनवरी के महीने में होने वाला विशेष चाम नृत्य है। वर्तमान में स्थापित  मठ को 1909 ई ० में बनाया गया था।

गंगटोक शहर के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक दो द्रूल चोर्टेन को सिक्किम का का सबसे महत्वपूर्ण स्तूप माना जाता है। जिसकी स्थापना बौद्ध धर्म के नियांगमा संप्रदाय के प्रमुख त्रुलुसी रिमपोचे के द्वारा 1945 में करवाई गई थी। इस मठ का शिखर सोने का बना है, तथा यहां 108 प्रार्थना चक्र है।

मुख्य शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ताशी लिंग एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां से कंचनजंगा श्रेणी  का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। मुख्य रूप से यह मठ एक पवित्र बर्तन बूमचु के लिए प्रसिद्ध है, मान्यता के अनुसार इस बर्तन है 300 वर्षों से पवित्र जल रखा है जो अभी तक नहीं सुखा है।

सिक्किम राज्य में पाए जाने वाले 454 किस्म के आर्किड का सुंदर संग्रह आर्किड अभयारण्य में देखने को मिलता है। इस अभयारण्य में प्रकृति की मनमोहक सुंदरता देखने को मिलती है जिससे प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक उत्तम पर्यटक स्थल बन जाता है।

सुक ला खंग यहां बौद्ध धर्म से संबंधित प्राचीन ग्रंथों  को संग्रहित कर के रखा गया है। इस भवन की दीवारों पर बुद्ध एवं उनसे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्रण यहां के भवन को अत्यधिक सुंदरता प्रदान करते हैं। यहां के एक  त्यौहार लोसार पर्व के दौरान भवन को आम लोगों और पर्यटकों के लिए खोला जाता है।

अन्य मुख्य पर्यटक स्थलों में सोमगो झील, लम्पोखरी झील आते हैं जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटको आकर्षित करते हैं। इसके अलावा गंगटोक के आसपास के दर्शनीय स्थानों में पेमायनस्‍ती मठ, पेलींग, सांगो-चोलिंग,एंचे गोम्पा,पुष्प प्रदर्शनी केंद्र, डीयर पार्क जैसे स्थान आते हैं जहां पर्यटको को जाना चाहिए।

परिवहन यानी यातायात

परिवहन यानी यातायात में यहां सड़क मार्ग, हवाई मार्ग या  रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

वायु मार्ग में, गंगटोक में कोई हवाई अड्डा नहीं है, सबसे नजदीकी हवाई अड्डा सिलीगुड़ी शहर में स्थित है। इस हवाई अड्डे के लिए देश के दूसरे क्षेत्रों से उड़ानें भरी जाती हैं, एवं गंगटोक में तिब्बत रोड पर इंडियन एयरलाइंस की बुकिंग ऑफिस है।

सड़क मार्ग में गंगटोक को सिक्किम के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाला सड़क सबसे व्यस्त सड़क है। सिलीगुड़ी, कलिंगपोंग, दार्जिलिंग जैसे स्थान गंगटोक से सड़क मार्ग से कुछ घंटों की दूरी पर पड़ते हैं। गंगटोक से इन सभी शहरों एवं इन शहरों से गंगटोक के लिए नियमित रूप से बसे चलती हैं। इसके अलावा अन्य निजी वाहनों द्वारा भी सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग में भी गंगटोक में कोई रेलवे लाइन नहीं है, सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन में सिलीगुड़ी का नाम आता है। देश के दूसरे बड़े और मुख्य शहरों से सिलीगुड़ी तक के लिए एक्सप्रेस ट्रेनें चलती है। इस रेलवे स्टेशन से गंगटोक कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां इसके बाद सड़क मार्ग से जाया जा सकता है।