ब्लड डोनेट करने के फ़ायदे | Benifit Of Blood Donate In Hindi

आज हम जानेंगे कि ब्लड डोनेट करने के क्या-क्या फायदे हैं? (Blood Donate Karne ke fayde) एवं हमें ब्लड डोनेट क्यों करनी चाहिए? इससे हमें क्या-क्या फायदा होता है? Benifit Of Blood Donate In Hindi

दोस्तों हम बहुत पहले से सुनते आ रहे हैं की हेल्थ इज द रियल वेल्थ अर्थात स्वास्थ्य ही सच्चा धन है। आप कुछ भी करना या बनना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे जरूरी यही होता है कि आप उस काम को करने के लिए स्वस्थ रहें। हमें डॉक्टरों और अपने  घर के बड़ों द्वारा समय-समय पर या बताया जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए हम क्या क्या कर, और क्या-क्या खा पी सकते हैं।

दोस्तों ऐसे किसी भी स्थिति में जब किसी  रोगी को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो उसके शरीर में रक्त चढ़ाने के लिए अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में रक्त का होना बहुत जरूरी होता है। हम सभी को ज्ञात है की रक्त किसी प्रयोगशाला में बनाया नहीं जा सकता  वह केवल मनुष्य के शरीर में ही बनता है। इसीलिए वैसी परिस्थितियों के लिए लोगों का अस्पतालों, ब्लड बैंको,एवं उन जैसी अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में ब्लड डोनेट यानी रक्तदान करना बहुत ही जरूरी होता है।

दोस्तों जानकारी के अभाव में कई लोगों को ऐसा लगता है की ब्लड डोनेट यानी रक्तदान करना उनके शरीर के लिए हानिकारक होता है ऐसा करने से उनके शरीर में खून की कमी हो जाएगी एवं उनके शरीर में कोई बीमारियां भी आ सकती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता ब्लड डोनेट यानी रक्तदान करना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है बल्कि यह एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरूरी है।

ब्लड डोनेट करने के फ़ायदे? (Blood Donate Karne Ke Fayde)

आज इस लेख में हम ब्लड डोनेशन यानी रक्तदान से होने वाले  फायदों पर चर्चा करेंगे। वैसे तो रक्तदान करने के अनेकों फायदे हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • हार्ट अटैक की संभावना कम होती है।
  • वजन मेंटेन रहता है।
  • लीवर  संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है।
  • शरीर में नई ऊर्जा आती है।
  • कैंसर का खतरा भी कमता है।
  • शरीर से कैलोरीज कम होती हैं।

1. हार्ट अटैक की संभावना कम होती है?

दोस्तों आज के समय में हार्ट अटैक जैसी बीमारी से कई लोग अपनी जान गवा देते हैं। दोस्तों अगर हमारे शरीर में खून थोड़ा मोटा यानी गाढ़ा हो जाता है तो रक्त में थक्का आसानी से जमता है और हार्ट अटैक इस कारण से भी होता है जब आपका ह्रदय ठीक तरीके से रक्त को पंप नहीं कर पाता तो यह फेल हो जाता है।

नियमित रूप से रक्तदान करने से शरीर में खून पतला होता है जिससे ह्रदय रात का संचालन सही तरह से पूरे शरीर में कर पाता है। जिससे ह्रदय को अपना कार्य करने में कोई दिक्कत नहीं होती एवं ह्रदय स्वस्थ रहता है क्योंकि रक्तदान के बाद आपके शरीर में नया खून बनता है इसीलिए वह पतला और सही बनता है। इसीलिए किसी भी ऐसे व्यक्ति जिससे हृदय से संबंधित कोई दिक्कत हो वह रक्तदान कर सकता है इससे उसे नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही होता है।

2. वजन मेंटेन रहता है?

आज के समय में तेल और फैट युक्त भोजन करने से वजन बढ़ने की समस्या बहुत से लोगों में देखी जाती है। वजन बढ़ना आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है इससे आप आलसी बन सकते हैं। साथ ही आपको कई कार्यों को करने में असुविधा भी होने लगती है। परंतु वह व्यक्ति नियमित रूप से रक्तदान करता है उसका वजन मेंटेन रहता है क्योंकि ब्लड डोनेट यानी रक्तदान से शरीर में नए ब्लड सेल्स बनते हैं वे फैट्स को जमने नहीं देते।

कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति जिसका वजन 50 किलोग्राम से अधिक हो वह बिना किसी दिक्कत के वर्ष में तीन से चार बार रक्तदान कर सकता है। शरीर का वजन मेंटेन रखने के लिए शरीर में अच्छे रक्त एवं अच्छे रक्त का सही मात्रा में होना आवश्यक होता है इसीलिए रक्तदान करने वाले व्यक्ति स्वस्थ  रहता है और अपना वजन  रख पाता है।

3. लीवर स्वस्थ रहता है?

हम सभी को ज्ञात है कि हमारे रक्त में आयरन पाया जाता है रक्त में आयरन की सही मात्रा एक स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक होता है परंतु अगर रक्त में आयरन की मात्रा सही ना हो तो यह शरीर में कई बीमारियों को जन्म दे सकता है। शरीर में रक्त में अगर आयरन की मात्रा बढ़ जाए तो इससे लीवर पर दबाव बढ़ता है जिससे लिवर अपना कार्य सही तरह से नहीं कर पाता  एवं शरीर में लिवर से संबंधित बीमारियां उत्पन्न हो जाती है।

परंतु अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते हैं तो इससे आपके शरीर के रक्त में आयरन की मात्रा maintained रहती है, जिससे लिवर सही तरह से कार्य कर पाता है एवं इससे संबंधित कोई भी बीमारी नहीं होती। रक्तदान करके शरीर में आयरन की मात्रा को सही रखना एक स्वस्थ है शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है।

4. शरीर में नई ऊर्जा आती है?

दोस्तों एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति के शरीर में 5 लीटर जितना खून होता है। परंतु यह रक्त  शरीर में इकट्ठा नहीं रहता है। रक्त में आरबीसी यानी रेड ब्लड सेल जिसे लाल रक्त कोशिका भी कहा जाता है, पाया जाता है जिस की जीवन अवधि कुछ दिनों की ही होती है। इसका मतलब हर समय हमारे शरीर में नया रक्त बनता है।हमारे शरीर में रक्त बनाने का काम पूर्ण भैरव यानी अस्थि मज्जा में होता है जो हड्डियों के अंदर पाया जाता है।

अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते हैं तो इससे आपके शरीर में नए रक्त बनाने की प्रक्रिया में तेजी आती है जिस कारण नया रक्त बनने से आपके शरीर में एक नई  ऊर्जा प्रवाह होती है। शरीर में नए रक्त कोशिकाओं का बनना रोज ही होता है जिस कारण रक्तदान कर देने से यह आपके शरीर को नुकसान के बजाय फायदा ही पहुंचाता है।

5. कैंसर/अन्य बीमारियों का खतरा भी कमता है?

दोस्तों हमारे शरीर में दो प्रकार के ब्लड होते हैं एक ऑक्सिजनेटेड ब्लड यानी जिसमें ऑक्सीजन पाया जाता है और दूसरा डीऑक्सीजनेटेड ब्लड जिसमें से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगो द्वारा इस्तेमाल कर लिया जाता है। Deoxygenated blood को impure ब्लड भी कहा जाता है।

अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते हैं तो  इससे आपके रक्त में जो विषैले और हानिकारक  पदार्थ होते हैं वह आपके शरीर से बाहर निकल जाते हैं। डॉक्टरों ने अपने रिसर्च में पाया है कि रक्तदान करने से कैंसर और उस जैसी कुछ अन्य बीमारियां  होने का खतरा भी शरीर को कम रहता है। पुराने रक्त के निकल जाने और नए एवं स्वस्थ रक्त के बनने से शरीर बहुत सी बीमारियों के खिलाफ लड़ने में ज्यादा सक्षम बनता है।

6. शरीर से कैलोरीज कम होती हैं?

 दोस्तों आज के समय में स्वस्थ रहने के लिए हम कई प्रकार के एक्सरसाइज और व्यायाम आदि करते हैं। विभिन्न प्रकार के कसरत आदि करने से हमारे शरीर की कैलोरीज बर्न होती है, जिसका बर्न होना एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होता है। दोस्तों हम 1 दिन में जितनी ज्यादा कैलोरीज बर्न कर सके उतना ही वह हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है।

नियमित रूप से रक्तदान करने पर भी शरीर में कैलोरीज बर्न होती है। डेढ़ पाव जितना खून का रक्तदान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज तक बर्न हो सकती है। इसीलिए अन्य अनेक फायदों के साथ साथ रक्तदान करने से बिना कोई कसरत किए ही आपके शरीर से कैलोरीज बर्न होते हैं एवं आप अपने शरीर को स्वस्थ बनाते हैं।

ब्लड डोनेट करने का सबसे बड़ा फायदा (Blood Donate Karne ke fayde)

दोस्तों इन सभी के अलावा रक्तदान करने का सबसे बड़ा फायदा (Blood Donate Karne ke fayde) यह होता है कि आप किसी की जान बचाते हो। जानकारी के अभाव के कारण बहुत से लोग रक्तदान करने से हिचकीचाते हैं।

रक्तदान बहुत ही सुरक्षित होता है इसमें आपके शरीर से जितना रक्त एक बार में लिया जाता है उतना रक्त आपका शरीर 24 से 72 घंटे के भीतर ही बना लेता है। रक्तदान करने से पहले उस व्यक्ति के रक्त की जांच की जाती है जिसमें हीमोग्लोबिन टेस्ट और ब्लड प्रेशर आदि जांचा जाता है। उसके बाद उसके रक्त में hepatitis b or c एवं एचआईवी जैसी बीमारियों का परीक्षण किया जाता है और इसकी सूचना ब्लड डोनर को  दी जाती है। सुरक्षित होने पर ही आपसे रक्त लिया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार देश में जितने भी व्यक्ति रक्तदान करने योग्य हैं उनमें से अगर सिर्फ कुछ प्रतिशत भी रख नियमित रक्तदान करें तो देश के ब्लड बैंकों को कभी रक्त  की कमी नहीं होगी एवं रक्त की कमी के कारण होने वाली असमय मौतों को रोका जा सकेगा।

ब्लड डोनेट (Blood Donate) क्यों करनी चाहिए?

कई बार ठीक से पोषण युक्त भोजन ना लेने के कारण हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है। सही पोषण युक्त भोजन ना लेने पर अक्सर हमारे शरीर में खून की कमी हो जाती है  जिसे हम एनीमिया कहते हैं।

एनीमिया नामक बीमारी में शरीर में खून की कमी हो जाती है जिससे रोगी बहुत ही अस्वस्थ हो जाता है। वैसे स्थिति में अस्पतालों में हमें खून चढ़ाया जाता है जिससे हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्य करने के लिए खून मिल सके।

इसके अलावा कई बार एक्सीडेंट यानी दुर्घटनाओं में भी चोटिल होने पर शरीर से बहुत सारा रक्त बह जाता है जिससे मरीज की जान तक जा सकती है ऐसी परिस्थिति में भी रक्त शरीर में रक्त चढ़ाकर रोगी की जान बचाई जा सकती है।

हमेशा से ही रक्तदान को महान दान माना गया है क्योंकि रक्तदान करके आप किसी रोगी की जान बजाते हैं। दोस्तों अगर बात करें आंकड़ों की तो हमारे भारत देश में हर साल 250 सीसी की 4 करोड़ ब्लड यूनिट्स की जरूरत होती है परंतु दुर्भाग्यवश केवल 500000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है जिससे रोगियों का सही इलाज हो पाना संभव नहीं हो पाता है।

हमें ज्ञात होना चाहिए कि हमारे शरीर का 7% हिस्सा रक्त होता है। इसलिए रक्त की कमी होने पर हमारा शरीर ठीक से अपना कार्य नहीं कर पाता जिससे हम बीमार होते हैं एवं जान जाने का भी खतरा रहता है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के प्रति 25% लोगों को अपने जीवन काल में कभी न कभी रक्त की आवश्यकता पड़ती है।