आज हम जानेंगे कर्नाटक की राजधानी कहां है? (karnataka ki rajdhani kahan hai) कर्नाटक की राजधानी क्या है? (karnataka ki rajdhani kya hai) तथा कर्नाटक की राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं? इसके बारे में हम पूरे विस्तार से जानेंगे।
कर्नाटक की राजधानी क्या है? (karnataka ki rajdhani kahan hai)
कर्नाटक की राजधानी ‘बेंगलुरु’ है।
भारत देश के कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु है जिसे बंगलोर भी कहा जाता है। यह भारत देश का का सबसे बड़ा महानगर एवं तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर भारत के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। कर्नाटक राज्य का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था तब यहां की राजधानी के रूप में बैंगलोर यानी बेंगलुरु को चुना गया।
1 November 2014 को केंद्रीय सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यहां का नाम बैंगलोर से बेंगलुरु में परिवर्तित हुआ। देश की बड़ी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों का मुख्यालय भी इसी शहर में स्थित है जिससे यह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रसर रहा है।
कर्नाटक एवं कर्नाटक की राजधानी का क्षेत्रफल एवं जनसंख्या
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में बेंगलुरु महानगर का क्षेत्रफल 709 वर्ग किलोमीटर यानी लगभग 274 वर्ग मील के जितना है। वही जनसंख्या में वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार बेंगलुरु शहर की आबादी 8443675 एवं महानगर की आबादी 8499399 है जिससे महानगर में जनसंख्या घनत्व 12000 प्रति वर्ग किलोमीटर का हो जाता है।
कुल आबादी में पुरुषों एवं महिलाओं में साक्षरता दर क्रमशः 91.01% और 84.01% की है। वही लिंगानुपात में प्रति हजार पुरुष 916 महिलाएं है। प्रदेश की साक्षरता दर 87.67% के करीब है।
कर्नाटक की राजधानी का भूगोल एवं जलवायु
भूगोल एवं जलवायु में इस शहर का भूखंड मुख्य रूप से पठारी भाग है। इसकी स्थिति मैसूर के पठार के मध्य 920 मीटर की औसत ऊंचाई पर है। बैंगलोर जिला उत्तर पूर्व से सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध कोलार जिला, उत्तर पश्चिम से तुमकुर जिला, दक्षिण से चामराजनगर जिला, दक्षिण पश्चिम से मांड्या जिला एवं दक्षिण पूर्व में से तमिलनाडु की सीमाओं से घिरा है। यहां के सुनहरे मौसम के कारण इसे भारत का उद्यान नगर भी कहा जाता है।
जलवायु में गर्मी के कुछ दिनों को छोड़कर यहां की जलवायु सामान्य बनी रहती है। यहां मार्च से मई तक गर्मी पड़ती है, जिस दौरान तापमान 20 से 35 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है।
मई महीने के बाद बारिश के मौसम में यहां दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व दोनों मानसून का प्रभाव दिखता है, अगस्त से अक्टूबर के बीच ज्यादा वर्षा होती है एवं तापमान 19 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। ठंड के समय यहां का का तापमान 12 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और इसी दौरान यहां घूमने के लिए सबसे अनुकूल मौसम होता है।
कर्नाटक एवं कर्नाटक की राजधानी की संस्कृति
सांस्कृतिक दृष्टिकोण में यहां दीपावली जोकि प्रकाश का पर्व है बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही मैसूर की पहचान बन चुका दशहरा भी यहां काफी प्रसिद्ध त्योहार है। अन्य त्योहारों में संक्रांति, गणेश चतुर्थी, क्रिसमस, ईद उल फितर जैसे त्यौहार शामिल है।
धर्म के के आधार पर जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है हिंदू धर्म को मानता है। कुल जनसंख्या का 80.29% हिंदू, 12.97% मुसलमान, 5.25% ईसाई, 0.14% सिख, 0.06% बौद्ध एवं इसके अलावा कुछ प्रतिशत जैन एवं अन्य धर्म से भी संबंध रखते हैं। शहर की जनसंख्या का एक बड़ा भाग देश के विभिन्न हिस्सों से आकर यहां बसा है।
कर्नाटक की राजधानी में पर्यटन स्थल
पर्यटन स्थलों में बेंगलुरु में शहर के बीच में कब्बन पार्क और संग्रहालय आकर्षक पर्यटक स्थल है। साथ ही गांधी भवन, टीपू सुल्तान का सुमेर महल, लालबाग, बांसगुड़ी तथा हरे कृष्ण मंदिर, बंगलुरु पैलेस, नृत्यग्राम साईं बाबा का आश्रम, बनेरघाट अभयारण्य, एवं सचिवालय जैसे स्थल भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं। अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों में
बसवनगुड़ी बुल टेंपल जो कि हिंदुओं के भगवान शिव के वाहन नंदी बैल को समर्पित है जहां बैठे हुए बैल की 4.5 मीटर ऊंची और 6 मीटर लंबी प्रतिमा स्थापित की गई है। यह मंदिर एनआर कॉलोनी दक्षिण बेंगलुरु में स्थित है। यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
टीपू पैलेस और किला जिस की वास्तुकला व बनावट मुगल जीवन शैली को दर्शाती है बेंगलुरु के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। इस किले का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत है। यह महल मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का निवास भी था।
यहां का इस्कॉन मंदिर इसका पूरा नाम इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है, बेंगलुरु की सबसे खूबसूरत इमारतों में से है। इसमें मल्टिविजन सिनेमा थिएटर, कंप्यूटर प्रस्तुतीकरण थिएटर, पुस्तकालय जैसे अनेक आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।
अपने विशाल संरचना के कारण यह बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आधुनिक और वास्तुकला का दक्षिण भारतीय मिश्रण देखने को मिलता है। इस मंदिर में कुल छह मंदिर हैं जिनमें मुख्य मंदिर राधा कृष्ण का है, उसके बाद कृष्ण बलराम, निताई गौरंगा, श्रीनिवासा गोविंदा, प्रहलाद नरसिंह एवं शीला प्रभुपादा के मंदिर हैं।
यहां स्थित 65 मीटर ऊंची भगवान शिव की पद्मासन की अवस्था में विराजमान शिव मूर्ति भी एक मुख्य पर्यटन स्थल है।
पर्यटन स्थल
पर्यटन के अन्य स्थलों में बेंगलुरु पैलेस, वेंकटप्पा आर्ट गैलरी, लाल बाग, विधान सौधा, गांधी भवन, दरगाह हजरत तवाक्कल मस्तान, कब्बन पार्क, चौदेया मेमोरियल हॉल, नेहरू प्लैनेटेरियम, गवी गंगादर श्रवरा मंदिर, बन्नरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क, विश्वेश्वरैया औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी संग्रहालय, मनोरंजन पार्क, इनोवेटिव फिल्म सिटी, snow City, Fun World जैसे स्थानों का नाम आता है। यह सभी स्थान बेंगलुरु शहर के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कर्नाटक की राजधानी में परिवहन एवं यातायात की सुविधा
परिवहन यानी यातायात में वायु मार्ग, सड़क मार्ग, रेल मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है।
वायु मार्ग में बेंगलुरु का बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत का तीसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है।यहां से एशिया मध्य पूर्व तथा यूरोप के लिए घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में प्रयुक्त सेवाएं प्रदान की जाती है। बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र बेंगलुरु सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर की दूरी पर सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। देश के सभी मुख्य शहरों जैसे दिल्ली मुंबई कोलकाता चेन्नई गोवा पुणे तिरुअनंतपुरम के लिए यहां से नियमित उड़ाने भरी जाती है। यहां से और यहां के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी भरी जाती है।
रेल मार्ग में बैंगलोर सिटी जंक्शन रेलवे स्टेशन और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन बेंगलुरु के दो प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां से देश के अन्य बड़े और मुख्य शहरों से यह रेल मार्ग से जुड़ा है। विभिन्न क्षेत्रों से नियमित रूप से एक्सप्रेस ट्रेन बेंगलुरु के लिए चलती है। इसके अलावा बेंगलुरु में त्वरित यातायात सेवा भी उपलब्ध है जिसे बेंगलुरू मेट्रो या नम्मा मेट्रो के नाम से जाना जाता है।
सड़क मार्ग में यह राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे से देश के बड़े दूसरे बड़े शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। बेंगलुरु में काफी संख्या में बस टर्मिनल है जोकि दूसरे शहरों से एवं इसके अंदर भी नियमित बस सेवाएं देती हैं। साथ ही निजी वाहनों द्वारा भी सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जाता है।