Introduction
दोस्तों आज हम जानेंगे की संस्कृत भाषा की लिपि क्या होती है? (Sanskrit Bhasha ki lipi kya hai) देवनागरी को ही संस्कृत भाषा की लिपि क्यों कहा जाता है? और संस्कृत भाषा के प्रमुख कवि कौन कौन है? संस्कृत भाषा में कौन-कौन से ग्रंथ लिखे गए हैं?
भारत में वैसे तो अनेक भाषाएं हैं मगर संस्कृत भाषा एक ऐसी भाषा है जो कि प्राचीन काल से चली आ रही है यह पुरानी संस्कृति की भाषा है।
संस्कृत भाषा को पूरे भारत में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त हुआ है यह भाषा शिक्षा स्थल में भी पढ़ाई जाती है। भारत की ज्यादातर भाषाओं की लिपि संस्कृत भाषा से ही बनी है।
संस्कृत भाषा की लिपि क्या है?
वैसे कहा जाए तो संस्कृत भाषा की कोई भी लिपि नहीं होती है मगर प्राचीन काल से ब्राह्मी लिपि ही संस्कृत भाषा की लिपि रही है। ब्राह्मी लिपि सभी लिपियों में से सबसे पुरानी लिपि है।
उत्तरी और दक्षिणी भारत की सभी लिपि का निर्माण ब्राह्मी लिपि से ही हुआ है। ब्राह्मी लिपि को धम्म लिपि भी कहा जाता है यह नाम इसे सम्राट अशोक ने दिया था।
संस्कृत भाषा के कुछ शब्द ब्राह्मी लिपि के ही आधार पर रखे गए हैं। हर राज्य के अनुसार संस्कृत भाषा की लिपि होती है अगर किसी राज्य की भाषा हिंदी है और हिंदी की लिपि देवनागरी होती है तो उस राज्य में संस्कृत भाषा की लिपि भी देवनागरी ही होगी।
संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है ,जो कि पूरे भारत में लिखी व बोली जाती है।
उत्तर भारत के सभी राज्यों में संस्कृत भाषा देवनागरी और नागरी लिपि में लिखी जाती है और दक्षिण भारत के राज्यों में संस्कृत भाषा द्रविड़ लिपि और कर्नाटक में कन्नड़ लिपि, केरल में मलयालम लिपि और आंध्र प्रदेश में तेलुगू लिपि में लिखी जाती है।
पूरे भारत में संस्कृत भाषा तो एक ही है मगर इसको लिखने के लिए हर जगह अलग-अलग लिपियों का प्रयोग किया जाता है यह भाषा व्याकरण पर आधारित है।
संस्कृत भाषा की लिपि क्या है?
वैसे तो संस्कृत भाषा को हर लिपि में लिखा जा सकता है इसकी अपनी कोई लिपि नहीं होती है मगर अभी वर्तमान में संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी है
देवनागरी लिपि से संस्कृत भाषा का एक विशेष संबंध है वैसे माना जाए तो देवनागरी लिपि संस्कृत भाषा के लिए ही बनी है।
देवनागरी लिपि को संस्कृत भाषा की लिपि क्यों माना जाता है?
देवनागरी लिपि को संस्कृत भाषा की लिपि इसलिए माना जाता है क्योंकि देवनागरी लिपि में हर एक चिन्ह के लिए केवल एक ही ध्वनि होती है जैसे की संस्कृत भाषा में होती है।
देवनागरी लिपि बाएं से दाएं की तरफ लिखी जाती है। इसमें 13 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं कुल मिलाकर इसमें 42 वर्ण होते हैं।
देवनागरी लिपि की पहचान क्षैतिज रेखा से की जाती है जिसे शिरोरेखा कहा जाता है। देवनागरी एक ऐसी लिपि है जिसमें बहुत सी भाषा लिखी जाती है जैसे संस्कृत ,हिंदी, सिंधी, राजस्थानी आदि। देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से ही हुआ है।
संस्कृत भाषा का क्या अर्थ होता है?
संस्कृत भाषा का अर्थ होता है:- एक परिपूर्ण भाषा इसका मतलब यह है की संस्कृत भाषा अपने आप में पूर्ण रूप से संपन्न है।
पहले बहुत सी बोली ऐसी थी जिसकी कोई व्याकरण और भाषा कोश नहीं थी मगर हर बोली ने संस्कृत भाषा के आधार पर अपने आप को पूर्ण करने की कोशिश की। जो बोली परिपूर्ण हो गई वह भाषा बन गई।
जहा तक की आप सभी को पता है कि संस्कृत भाषा को हमारी संस्कृति की धरोहर देव भाषा माना जाता है बहुत सारे ग्रंथ और काव्य रचनाएं संस्कृत भाषा में ही लिखी गई है यहां तक की बहुत सारे मूल मंत्र ,प्रार्थनाएं आदि चीजें भी संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं।
संस्कृत भाषा को देवों की भाषा भी कहा जाता है। देवी देवताओं की पूजा में जिन मूल मंत्रों का उच्चारण होता है वह भी अधिकतर संस्कृत भाषा में ही लिखे जाते हैं।
संस्कृत भाषा का स्थान सभी भाषा से ऊंचा और विशेष है यह एक ऐसी भाषा है जो हर जगह लिखी और समझी जाती है।
संस्कृत भाषा को देवनागरी लिपि में विशेषकर इसलिए लिखा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवनागरी लिपि देवों की नगरी से आई है देवनागरी लिपि भी संस्कृत भाषा की तरह अपने आप में सक्षम और संपूर्ण हैं।
संस्कृत कौन सी भाषा है?
संस्कृत विश्व की बहुत ही प्रसिद्ध वेदों की भाषा है। संस्कृत भाषा को सुभारती और देव वाणी भी कहा जाता है। यह भाषा भारतीय संविधान में 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है। इस भाषा को भारत के संविधान में आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया था। यह एक हिंद आर्य भाषा है जो कि हिंदू यूरोपीय भाषा परिवार से संबंधित है।
संस्कृत भाषा अधिकतर भारत और नेपाल में बोली जाने वाली भाषा है।
आकाशवाणी और दूरदर्शन ऐसे समाचार पत्र है जो कि संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
आइए जानते हैं की संस्कृत भाषा में सबसे पहले कौन सा ग्रंथ लिखा गया है?
सबसे पहले संस्कृत भाषा में ऋग्वेद ग्रंथ की रचना की गई थी जो कि कम से कम ढाई हजार ईसा पूर्व की रचना है।
संस्कृत भाषा में कौन-कौन सी रचनाएं की गई है और उनके प्रमुख कवि कौन थे?
संस्कृत भाषा में ऐसी बहुत सारी रचनाएं की गई है जो की बहुत ही प्रसिद्ध है
नीचे दिए गए सभी रचनाएं संस्कृत भाषा में की गई है जिसमें से रामायण और महाभारत हिंदू धर्म की बहुत ही प्रसिद्ध रचनाएं हैं।
- रामायण की रचना वाल्मीकि ने की थी।
- अष्टाध्याई की रचना पाणिनि ने की थी।
- महाभारत की रचना वेदव्यास ने की थी।
- अर्थशास्त्र की रचना चाणक्य ने की थी।
- महाभाष्य की रचना पतंजलि ने की थी
- सत्संग सारिका सूत्र की रचना नागार्जुन ने की थी।
संस्कृत भाषा की विशेषताएं
- संस्कृत भाषा को देव भाषा भी माना जाता है।
- संस्कृत एक ऐसी भाषा है जिसका नामकरण लोगों के बोलने वालों के नाम पर नहीं किया गया है।
- संस्कृत भाषा की व्याकरण बहुत ही स्पष्ट है।
- संस्कृत भाषा में वर्णमाला की विज्ञानता भी स्पष्ट रूप से सिद्ध की गई है।
- संस्कृत भाषा केवल स्व विकसित भाषा ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक भाषा भी है।
- इस भाषा को कृत्रिम बुद्धि के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है।
विश्व संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व संस्कृत दिवस श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस और ऋषि पर्व के रूप में मनाया जाता है।
संस्कृत दिवस 1969 से ही मनाया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने संस्कृत भाषा का प्रचलन करने के लिए और इसे एक विकसित भाषा बनाने के लिए 1969 में उन्होंने श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की । जिसके कारण संस्कृत भाषा को और भी लोग जानने लगे और उसे समझने का प्रयास करने लगे।
Conclusion
आज हमने पढ़ा की संस्कृत भाषा क्या है, संस्कृत भाषा की क्या-क्या विशेषताएं है ,संस्कृत भाषा के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं, संस्कृत भाषा में कौन-कौन से लेख लिखे गए हैं, संस्कृत कौन सी भाषा है, देवनागरी लिपि को संस्कृत भाषा की लिपि क्यों कहा गया है आदि।