हमारे देश के अंदर रेलवे भर्ती बोर्ड समय-समय पर विभिन्न प्रकार के रिक्त पदों पर नियुक्तियां निकालते रहते हैं और यह आप सभी को पता होगा कि यह एक सरकारी विभाग होती है।
जिसके अंतर्गत सब लोग नौकरी करने की चाह रखते हैं ;रेल विभाग के अंतर्गत ग्रुप D एक सहायक पद होता है और इस पद पर रहते हुए आप ग्रुप B के लोगों की सहायता करते हैं।
रेल विभाग में वेतन बहुत ही आकर्षक प्राप्त होता है;जिससे अधिकतर लोग इस विभाग में नौकरी पाने के लिए आवेदन करते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं ,ताकि उन्हें यह पोस्ट हासिल हो सके ।
अगर आप भी रेलवे ग्रुप डी में काम करना चाहते हैं और आपने रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा के लिए आवेदन किया है या उसके लिए करना चाहते हैं तो आपके मन में यह सवाल अवश्य होगा कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है?
तो आज के आर्टिकल में आपको रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है ?इसके संदर्भ में बताने जा रही हूं तो चलिए इस रोचक तथ्य को जानते हैं और यह जानकारी हासिल करते हैं कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है ?
रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है? (Railway group D me kya kaam hota hai)
जैसा कि आपको पता होगा कि रेलवे के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पद होते हैं और जब आप रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा देते हैं तो आपके रैंक के अनुसार आपका विभिन्न प्रकार के पदो पर नियुक्ति की जाती है वह विभिन्न प्रकार के पद कुछ इस प्रकार है:-
- हेल्पर (मेडिकल )
- हॉस्पिटल अटेंडेंट
- गैंग मैन
- स्विच मैन
- ट्रैक मैन
- गेट मैन
- केबिन मैन
- लीवरमैन
- पॉइंट्स मैन
- कीमैन
- फिटर
- ट्रैक मेंटेनर
- स्टोर मेंटेनर
- पोर्टर
- शंटर….. इत्यादि।
इन विभिन्न प्रकार के पदों पर जब आप की नियुक्ति की जाती है तब आपको इसी के अनुसार कार्य दिया जाता है; जैसे:-
मेडिकल हेल्पर (Helper)
जब आप ग्रुप डी के अंतर्गत इस पोस्ट के लिए सिलेक्ट होते हैं तो आपको रेलवे का स्वयं का एक मेडिकल डिपार्टमेंट होता है। जिसके तहत सभी प्रकार के उपचार किए जाते हैं। इस पद पर आपको किसी विकलांग यात्रियों को उनके गंतव्य अर्थात स्टेशन के बाहर तक छोड़ना होता है।
आप को ड्यूटी के दौरान स्टेशन पर ही रहना होता है।
हॉस्पिटल अटेंडेंट (Hospital Attendant)
अगर इसके अंतर्गत आपको पोस्टिंग मिलती है तो आपको किसी घायल यात्री को व्हीलचेयर से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना होता है । घायल अवस्था में आपको व्हीलचेयर पर यात्री को रेलवे अस्पताल में ले जाना होता है । यह एक हॉस्पिटल अटेंडेंट का मुख्य कार्य होता है।
गेटमैन (Gateman)
रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत जब आप की नियुक्ति गेटमैन के तौर पर होती है तो आप का मुख्य कार्य होता है कि आपको ट्रेन आने पर क्रॉसिंग के गेट को बंद करना व खोलना होता है । जिसका ध्यान उन्हें खासतौर पर रखना होता है ताकि कोई भी दुर्घटना ना घटे।
मानवीय दृष्टिकोण के साथ रेलू के सुचारू आवागमन में रेलवे गेटमैन का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। रेलवे में गेटमैन की भूमिका हजारों जिंदगियों को दुर्घटना से बचाने का कार्य करती है। रेलवे में गेटमैन का कार्य मैनुअल रेल फाटक ओके ट्रेन आने बजाने के समय पर बंद करना होता ही है।
साथ ही इन्हें दुर्घटनाओं को बचाया जा सके यह भी जिम्मेदारी उन पर होती है। देश में एक लाख से अधिक रेल फाटक है; जिसमें 75000 गेटों पर गेट में तैनात होते हैं।
ट्रैक मैन (Track Man)
अगर आप को ट्रैक मैन के पद पर नियुक्त किया जाता है तो आप का मुख्य कार्य रेल पटरी का रखरखाव करना होता है; रेल को आगे बढ़ाने में ट्रैक मैन का बड़ा योगदान होता है ट्रैक मैन ट्रकों की देखभाल उनका निरीक्षण और मरम्मत करते हैं।
वे दिन में कम से कम एक बार ट्रैक के एक-एक इंच का निरीक्षण करते हैं ।ट्रक में भारतीय रेल के रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं; जो सेना के जवान की तरह काम करते हैं। ठंड हो या गर्मी यहां तक कि खराब मौसम में भी ट्रैक मैन रेलवे ट्रैक पर अपनी ड्यूटी पर हमेशा तैनात रहते हैं
और कौन सी पटरी को कब बदलना है ?या कौन सी पटरी पर मरम्मत की आवश्यकता है ?यह सारा देखने का कार्य एक ट्रैक मैन का ही होता है। ट्रैक मैन ही अक्सर रेलवे की भारी पटरियों को उठाने का काम करते हैं ।छोटे स्टेशनों पर ट्रैक को अपनी भी हाथ से ही बदला जाता है,
जबकि बड़े स्टेशनों पर ट्रैक ऑटोमेटिक बदले जाते हैं।
स्टोर मेंटेनर (Store Maintainer)
इस पद के अंतर्गत आपको रेलवे के अंतर्गत स्टोर के देखरेख की जिम्मेदारी होती है। यह पोस्ट काफी जिम्मेदारी भरा होता है; क्योंकि आपको सारे डिपार्टमेंट की देखरेख को देखना होता है।
गैंगमैन (Gangman)
ऐसे अगर कहा जाए तो रेलवे के अंतर्गत गैंगमैन का पद बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता ; किंतु यदि जिम्मेदारी का बात किया जाए तो पटरियों पर रेल रेल गैंगमैन की कार्यकुशलता से ही दौड़ती है। जैसे किसी भी चीज की नीव होती है ; तभी वह चीज खड़ा हो सकता है।
उसी प्रकार रेलवे के अंतर्गत गैंगमैन रेलवे की नीव की तरह होती है ; जो एक रेलवे मेट के नेतृत्व में ग्रुप के साथ रेल की पटरीओं का बारीकी से निरीक्षण करते हैं। जिसमें रेल पटरियों के जॉइंट और पटरियों संबंधित विभिन्न खामियां दूर की जाती है।
पॉइंट्स मैन (Points Man)
पॉइंट्स मैन का काम रेलवे ट्रैक पर सिग्नल बदलने का होता है रेलवे में पहले सारे सिग्नल मैनुअल ही काम करते थे जिसके लिए अपॉइंटमेंट को ट्रैक के पास जाकर उसे डाउन करना पड़ता था इसके बाद ट्रैक वहां से रवाना की जाती थी पर अब काफी सिंगल ऑटोमेटिक बना दिए गए हैं :
जिस कारण से अपॉइंटमेंट का कार्य आज के समय में काफी आसान हो गया है किंतु अभी भी रेलवे के अनेक मंडलों में रेलवे ट्रैक के सिग्नल मैनुअल है जिससे रेल के आवागमन के दौरान ट्रैक मैन सिग्नल बदलते हैं।
की मैन (Key Man)
ग्रुप डी कैटेगरी के अंतर्गत रेलवे कर्मचारी में की मैन की भी एक मुख्य भूमिका होती है। उन्हें 6 किलोमीटर की दूरी तक ट्रैक की निगरानी करने की जवाबदेही रहती है।
एक की मैन रोजाना लगभग 14 किलोमीटर ट्रक के सहारे चल कर उसका मुहावजा करता है ;जिससे रेलवे की पटरीयों को समय-समय पर चेक किया जा सके और आवश्यकता के अनुरूप उसे ठीक किया जा सके पर लगे हर बोल्ट को चेक करना भी एक ईमेल का ही कार्य होता है।
लीवरमैन (Lieberman)
रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत लिबरमैन का कार्य परियों का मिलान करना होता है। लीवरमैन की एक जरा सी गलती ट्रेन को तो उसके स्थान से भटका ही सकती है। साथ ही साथ दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ा देती है।
इसीलिए एक लिबरमैन का मुख्य कार्य ट्रेन के जॉइंट के पास पटरी के सहारे लगे लीवर को ऑपरेट कर पटरियों का ट्रेन के गंतव्य के अनुसार मिलान करना होता है ;ताकि कोई भी दुर्घटना ना घटे।
पोटर (Porter)
पोटर का मुख्य कार्य रेलवे में सामान को इधर से उधर पहुंचाना होता है। रेलवे सामान से आशय लोको पायलट जिसे इंजन ड्राइवर के नाम से जाना जाता है और गार्ड के समान बक्से आदि को इधर से उधर पहुंचाना होता है । जिन रेलवे ट्रैक पर सिग्नल का ऑटोमेशन नहीं हुआ है।
वहां पर उन्हें वोटर एक रिंग को स्टेशन मास्टर से लेकर जाता है और इंजन ड्राइवर के पास पहले से मौजूद दूसरे रिंग से बदलकर वापस लाकर स्टेशन मास्टर को देता है।
यह इस बात का संकेत है कि ट्रेन गंतव्य को रवाना होने को तैयार है और स्टेशन मास्टर ट्रेन की रवानगी के लिए ग्रीन सिग्नल कर देता है ।कभी-कभी पोर्टल ट्रेन के आवागमन के दौरान ग्रीन सिग्नल या झंडी भी दिखाता है।
शंटर (Shunter)
रेलवे ग्रुप डी के कर्मचारी सेंटर का मुख्य कार्य रेलवे यार्ड में अवस्थित खड़े लोगों पावर यात्री डिब्बे और वैगन को जरूरत के अनुसार शिफ्ट करवाना होता है।
सेंटर लोको यार्ड में एक तरह से लोको पायलट और गार्ड को शंटिंग में मदद करने का कार्य करता है या रेल इंजन से यात्री डिब्बे या वैगन को कब लिंक के माध्यम से जोड़ता है। जिससे वह एक के पीछे दूसरे यात्री डिब्बे या वैगन को जोड़कर ही ट्रेन तैयार की जाती है।
इसके अलावा अगर आप रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत रहते हुए रेलवे ग्रुप सी पोस्ट पर प्रमोशन पाकर उस पर कार्य करना चाहते हैं तो आप रेलवे ग्रुप डी से ग्रुप सी में भी प्रमोशन पा सकते हैं ।उसके लिए आपको निम्नलिखित प्रोसेस करने की आवश्यकता है जो कुछ इस प्रकार है:-
RRB ग्रुप D से ग्रुप C में प्रमोशन:-
अगर आप रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत नौकरी पा चुके हैं तो आपको यह बात स्पष्ट रूप से पता होगी कि ग्रुप डी स्टाफ सदस्य लिखित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर नियमित सर्विस अगर वह 3 वर्ष तक अपना पूर्ण करते हैं तो उन्हें पदोन्नति के पात्र होते हैं ;यानी उसके बाद उन्हें रेलवे ग्रुप डी से रेलवे सी में प्रमोशन मिल सकता है ।
उसके लिए आपको लिखित परीक्षा में 85 अंक और सर्विस का रिकॉर्ड के अंतर्गत 15 अंक लाने की आवश्यकता है । अब आप यह सोच रहे होंगे कि यह 85 नंबर में लिखित परीक्षा में किस प्रकार ला सकते हैं तो अब मैं आपको इसके विषय मैं बता दे कि लिखित परीक्षा के अंतर्गत 2 भाग होते हैं।
भाग A और भाग B, जिसमें भाग A के अंतर्गत अंग्रेजी भाषा का प्रश्न और भाग B के अंतर्गत अंक गणित एवं मुख्य रूप से रेलवे से संबंधित सामान्य ज्ञान के माध्यम से बुद्धिमता और प्रवीणता का सामान्य मानसिक स्तर जांचा जाता है।
पेपर आपका हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होती है ;किंतु भाग A जिसमें अंग्रेजी भाषा से सिर्फ प्रश्न पूछे जाते हैं, वह प्रश्न पत्र सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही होती है। इस परीक्षा में आप ज्यादा से ज्यादा अंक अर्जित कर के 85 अंक अपना हासिल कर सकते हैं इसके बाद आपके रेलवे के अंतर्गत 3 वर्ष के परफॉर्मेंस के अनुसार आपको 15 अंक सर्विस रिकॉर्ड द्वारा दी जाती है।
अगर आप इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं; तब आप ग्रुप D से सीधे ग्रुप C लेबल के पोस्ट में प्रमोशन पा सकते हैं।
ग्रुप C के अंतर्गत विभिन्न पोस्ट कुछ इस प्रकार है:-
ग्रुप D से ऊंची और सेकंड कैटेगरी में ग्रुप C की पोस्ट आती है जिसके अंतर्गत विभिन्न पोस्ट पर आप पोस्टिंग पा सकते हैं :-
- सहायक लोको पायलट
- लोको पायलट
- टेक्नीशियन
- क्रेन ड्राइवर
- कारपेंटर……. इत्यादि पदों के अंतर्गत आप प्रमोशन पाने के बाद नियुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
इन पदों पर जब आप की नियुक्ति होती है तो आपके कार्य भी बदल दिए जाते हैं । जैसे एक लोको पायलट को इंजन का देखरेख करना होता है । वही सहायक लोको पायलट लोको पायलट की सहायता करता है।
वही एक टेक्नीशियन का कार्य होता है कि वह विभिन्न डिपार्टमेंट के टेक्निकल जाने विद्युत विभाग को देखें वही एक ब्लैकस्मिथ और कारपेंटर चीजों के मरम्मत का कार्य करने का कार्य करते हैं। इसी प्रकार जैसे ही आप ग्रुप भी से ग्रुप से लेबल की पोस्ट पर प्रमोशन पाते हैं । उसके बाद आप की ट्रेनिंग होती है और उसी प्रकार आपका कार्य भी बदल दिया जाता है।
Conclusion:-
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि रेलवे ग्रुप डी में क्या काम होता है? मुझे उम्मीद है कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर रेलवे ग्रुप डी के कार्य के विषय में समझ में आ गया होगा।
अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा कीजिएगा और अगर आपके मन में इससे संबंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमें बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं।
धन्यवाद