आज हम जानेंगे कि उत्तराखंड की राजधानी कहां है? (Uttrakhand ki rajdhani kahan hai) या उत्तराखंड की राजधानी क्या है? (Uttrakhand ki rajdhani kya hai) तथा उत्तराखंड एवं उत्तराखंड के राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?
पंजाब की राजधानी (Capital of Uttrakhand in hindi) के बारे में पूरे विस्तार से जानने के लिए इसे पूरे ध्यान से पढ़ें।
उत्तराखंड की राजधानी क्या है? Capital of Uttrakhand
उत्तराखंड की दो राजधानियां है। यहां की शीतकाल राजधानी देहरादून एवं ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण है।
भारत देश के एक से अधिक राजधानियों वाले राज्यों में शामिल होने वाला उत्तराखंड पांचवा राज्य है। इस राज्य की दो राजधानियां है, शीतकालीन राजधानी देहरादून एवं ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण है। उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 को भारत के 27वे राज्य के रूप में हुआ था, पहले यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था जिसे बाद में बदलकर उत्तराखंड किया गया। राज्य के गठन के समय से उत्तराखंड की अंतरिम राजधानी बनाया गया था।
उत्तराखंड की पहली राजधानी देहरादून
देहरादून
यह शहर भारत के उत्तराखंड राज्य की शीतकालीन राजधानी है, जिसका मुख्यालय देहरादून नगर में स्थित है। देश की राजधानी दिल्ली से यह 230 किलोमीटर की दूरी पर दून घाटी में बसा हुआ है। उत्तराखंड का देहरादून नगर पर्यटन, स्थापत्य, शिक्षा, संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसकी स्थापना 1699 में हुई थी।
उत्तराखंड की पहली राजधानी की क्षेत्रफल एवं जनसंख्या
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में देहरादून नगर 300 वर्ग किलोमीटर यानी 100 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 447 मीटर यानी लगभग 1467 फीट के जितनी है। वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार इसकी नगरीय जनसंख्या 578420 एवं पूरे महानगर की जनसंख्या 700000 14223 के करीब की दर्ज की गई थी। जनसंख्या घनत्व में 1900 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली एवं अंग्रेजी का भी इस्तेमाल होता है।
उत्तराखंड की राजधानी की भूगोल तथा जलवायु
भूगोल तथा जलवायु में देहरादून जिला उत्तर से हिमालय से तथा दक्षिण से शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मसूरी, सहस्त्रधारा, लाखामंडल, चकराता एवं डाकपत्थर जैसे कुछ प्रसिद्ध पहाड़ी नगर इसमें आते हैं। इसकी पश्चिमी सीमा पर हिमाचल प्रदेश के जिले एवं यमुना नदी है, दक्षिण में हरिद्वार जिला और उत्तर प्रदेश की सहारनपुर जिला पड़ता है।
जलवायु में, देहरादून की जलवायु समशीतोष्ण जलवायु है। देहरादून का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। शीतकाल के दौरान तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से 24 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है । जून माह से सितंबर माह के बीच सबसे अधिक वर्षा होती है। देहरादून में औसतन 2073.3 मिलीमीटर वर्षा होती है।
शिक्षण संस्थानों में देहरादून काफी समय से अपने यहां के शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध रहा है जिनमें दून और वेल्हम्स जैसे स्कूल का नाम आता है। देहरादून में भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा सैनिक सेवाओं के प्रशिक्षण संस्थान भी स्थित है जो शिक्षा के क्षेत्र में इसका महत्व बढ़ाते हैं।
अन्य मुख्य संस्थानों में कई राष्ट्रीय संस्थान जैसे आई आई पी, तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया आते हैं। वन अनुसंधान संस्थान, University of petroleum for energy studies, National institute for the virtual handicapped, शार्प मेमोरियल स्कूल फॉर द ब्लाइंड यहां के अन्य प्रमुख संस्थानों में से है।
पर्यटन स्थलों में देहरादून काफी लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। टपकेश्वर मंदिर, कलिंगा स्मारक, मालसी डियर पार्क, चंद्रबानी, वन अनुसंधान संस्थान, लक्ष्मण सिद्ध संतोलादेवी मंदिर, तपोवन, साईंदरबार एवं वाडिया संस्थान जैसे स्थानों की गिनती दर्शनीय स्थलों में की जाती है।
इन स्थानों के अलावा अन्य स्थलों में यहां के अभयारण्य विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों के लिए जाने जाते हैं। एम्यूजमेंट पार्क एवं और मनोरंजन स्थल भी देहरादून में स्थित है। उपयुक्त पर्यटन स्थल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है।
उत्तराखंड की राजधानी में परिवहन एवं यातायात
परिवहन यानी यातायात में यहां सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में यह शहर देश के सभी क्षेत्रों से भली-भांति जुड़ा हुआ है। यहां पर देहरादून और दिल्ली दो बस स्टैंड है। राजधानी दिल्ली से देहरादून तक सुविधाजनक बस सेवा उपलब्ध है। आसपास के शहरों के लिए कुछ ही मिनट के अंतराल में नियमित रूप से बसे चलती है। देश के दूसरे मुख्य शहरों से भी सड़क मार्ग से आसानी से वाहन द्वारा देहरादून पहुंचा जा सकता है।
हवाई मार्ग में जौली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देश के दूसरे क्षेत्रों से हवाई मार्ग द्वारा इस हवाई अड्डे तक पहुंच कर फिर शहर पहुंचा जा सकता है। राजधानी दिल्ली से सप्ताह में पाच फ्लाइट इंडियन एयरलाइंस की इस हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर्ती है।
रेल मार्ग में देश के सभी प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ आदि समेत अन्य शहरों से देहरादून भली-भांति जुड़ा हुआ है। यहां तक आने के लिए मसूरी एक्सप्रेस दून एक्सप्रेस एवं शताब्दी जैसी एक्सप्रेस ट्रेनें नियमित रूप से चलती है।
उत्तराखंड की दूसरी राजधानी गैरसैण
गैरसैंण
गैरसैंण भारत के उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक शहर है। इसकी स्थिति पूरे उत्तराखंड राज्य के मध्य में है। उत्तराखंड के राज्य के रूप में गठन होने के बाद से ही गैरसैंण को यहां की राजधानी घोषित करने की मांग उठने लगी थी।
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में उत्तराखंड का गैरसैंण नगर 7.53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1750 मीटर यानी लगभग 5741 फीट के जितनी है। वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 7138 दर्ज की गई थी, जिसमें महिलाओं एवं पुरुषों की संख्या क्रमशः 3556 एवं 3583 दर्ज की गई थी। कुल जनसंख्या का औसतन 87.27 परसेंट लोग साक्षर दर्ज किए गए थे। लिंगानुपात में प्रति हजार पुरुष 862 महिलाएं है।
भूगोल एवं जलवायु में यह शहर समुद्र की सतह से 5750 फीट के लगभग ऊंचाई पर स्थित है। यहां मैदानी तथा प्रकृति का खूबसूरत भूभाग है। यह उत्तराखंड के बीचो बीच एक सुविधा संपन्न क्षेत्र है। यह कुमाऊं गढ़वाल एवं मैदानी भूभाग के बीचों-बीच स्थित है जो इसके महत्व को बढ़ाता है। जलवायु में यहां की जलवायु को तरगर्म माना जाता है।
पर्यटन में गैरसैण का सुरम्य शहर जो कि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र को छोड़ने वाले प्रमुख मार्ग का एक हिस्सा है, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। इसके अलावा गैरसैंण दूधतोली पर्वत के पास बहने वाली रामगंगा नदी का उद्गम स्थल भी है, जिससे यह बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके आसपास नंद देवी, राष्ट्रीय उद्यान, वृद्ध बद्री, वसुधारा झरना, आदि बद्री तथा योग ध्यान बद्री भी यहां के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में आता है।
परिवहन यानी यातायात में यहां सड़क मार्ग रेल मार्ग या फिर वायु मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग से जाने पर गैरसैंण का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जिसकी दूरी गैरसैंण से लगभग 173 किलोमीटर की है। देश के दूसरे प्रमुख क्षेत्रों से काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक के लिए कई ट्रेनें चलती है। इस रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी द्वारा सड़क मार्ग से गैरसैंण तक पहुंचा जा सकता है।
वायु मार्ग में पंतनगर का हवाई अड्डा गैरसैंण से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। देश के दूसरे क्षेत्रों से हवाई अड्डे तक के लिए फ्लाइट उपलब्ध होती है, जिसके बाद सड़क मार्ग द्वारा मुख्य स्थान तक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में देश के प्रमुख हिस्सों से यहां के लिए उत्तराखंड परिवहन की बसें उपलब्ध होती है। उत्तर भारत के अन्य प्रदेशों से भी यहां तक के लिए बस सुविधाएं उपलब्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे 9 से कई स्थानों से होते हुए राजधानी दिल्ली से गैरसैंण पहुंचा जा सकता है।