डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? | Doctor ki salary kitni hoti hai?

आज की इस आर्टिकल में डॉक्टर कितना पैसा कमाते हैं? डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? सरकारी डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? प्राइवेट डॉक्टरों की सैलरी कितनी होती है? इसके बारे में जानेंगे ही है।

आप सभी को पता होगा कि डॉक्टर को हमारे समाज में एक भगवान का दर्जा दिया जाता है; दिया भी क्यों ना जाए, क्योंकि हमारी जान को बचाने वाले कहीं ना कहीं डॉक्टर होते हैं। जब भी हम बीमार पड़ते हैं या कोई भी एक्सीडेंट होता है तो सबसे पहले हमें डॉक्टर की ही जरूरत पड़ती है,

बिना कुछ सोचे समझे हम अपने इलाज के लिए डॉक्टर के पास ही जाते हैं; क्योंकि हमें पता रहता है कि हमें सिर्फ और सिर्फ वही ठीक कर सकते हैं। ऐसे में बहुत सारे लोगों का यह सपना होता है कि वह समाज में डॉक्टर बनकर लोगों की मदद कर सके और उनके जान को बचा सके।

ऐसे में कहीं ना कहीं आप भी उनमें से एक अवश्य होंगे। अगर आप का भी सपना है कि आपको डॉक्टर बनना है तो आपके मन में कहीं ना कहीं यह प्रश्न अवश्य उठता होगा।

डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है; क्योंकि कहीं ना कहीं अगर आप समाज की सेवा करना चाहते हैं तो आपके भी घर परिवार में लोग होंगे, जिसकी आप सेवा और आरामदायक जीवन देना चाहते होंगे। 

अगर आप भी यह जानने के लिए इच्छुक हैं कि डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? (Doctor ki salary kitni hoti hai?) तो मैं आपको बताने जा रही हूं कि डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? (Doctor ki salary kitni hoti hai?) तो चलिए जानते हैं कि डॉक्टर के salary कितनी होती है?

डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? (Doctor ki salary kitni hoti hai?

doctor ki salary kitni hoti hai

हमारे भारत देश के अंदर डॉक्टर 3 प्रकार के होते हैं। एक जो केंद्र सरकार के अधीन कार्य करते हैं और एक राज्य सरकार के अधीन कार्य करते हैं और प्राइवेट डॉक्टर जो निजी अस्पताल में काम करते हैं या फिर खुद का क्लिनिक चलाते है।

किंतु सरकारी दोनो ही डॉक्टरों की सैलरी में कुछ ज्यादा का अंतर नहीं होता; क्योंकि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के डॉक्टरों का ग्रेड पे एक जैसा ही  सरकार के द्वारा निर्धारित किया जाता है।

जबकि प्राइवेट डॉक्टर की सैलरी अब मैं अंतर होता है क्योंकि इन्हें निजी अस्पताल के आधार पर सैलरी मिलती है जबकि अगर बिलकुल डॉक्टर ख़ुद की क्लिनिक चलाते हैं तो उनकी महीने में अच्छी ख़ासी इनकम हो जाती है।

अगर एक डॉक्टर के औसतन सैलरी के बारे में बात की जाए तो डॉक्टर के औसतन सैलरी हर महीने 50, हज़ार रुपये से लेकर एक लाख रुपए तक हो सकती है ।

सरकारी डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? (Government doctor ki salary kitni hoti hai?)

अगर वर्तमान में एक सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी की बात की जाए तो उनकी प्रतिमाह की सैलरी ₹60000 तक होती है।वहीं अगर आप इस फील्ड में एक्सपीरियंस डॉक्टर बन जाते हैं

तो आपकी सैलरी 1,00,000 या उससे भी ज्यादा हो सकती है और एक सरकारी डॉक्टर को प्रतिमाह 1,25,000 सैलरी दी जाती है। जिसके साथ आपका ग्रेड पे और अन्य सुविधाएं भी जुड़ी होती है ;जो एक सरकारी डॉक्टर को सरकार के द्वारा मुहैया कराया जाता है।

वर्तमान में MBBS/MD डॉक्टर का वेतन 15600-39100 जबकि ग्रेड पे 5400 तक होती है। वही प्रमोशन होने के बाद इनकी सैलरी 15600-39100 और ग्रेड पे वेतनमान  6600 तक होती है। समय-समय पर सब विभागों में डॉक्टरों के वेतन में वृद्धि होती ही रहती है।

प्रायवेट डॉक्टर की सैलरी कितनी है? (Private doctor ki salary kitni hai?)

अगर एक प्राइवेट डॉक्टर की औसतन सैलरी की बात की जाए तो एक प्राइवेट डॉक्टर को 1, लाख रुपया से लेकर 10 लाख रुपया महीने तक की सैलरी नहीं मिलती है।

देश के बड़े बड़े निजी अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर की सैलरी एक करोड़ रुपये तक होती है वहीं अगर आप किसी बड़े निजी अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के तौर पर नौकरी करते हैं तो आपको 70, हज़ार से लेकर दो लाख रुपया तक सैलरी मिल सकती है।

डॉक्टर के अलग कैडर क्यों बनाया जा रहा है?

अभी वर्तमान समय में राज्य के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को वेतनमान का एक अलग कैडर बनाने की तैयारी हो रही है, कैडर बनाने के बाद भर्ती होने वाले नए डॉक्टरों और सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों को फायदा होगा।

अगर बात की जाए विभाग की तो इस नए कोडर को बनाने की विभाग को इसलिए जरूरत महसूस हो रही है ;क्योंकि नई भर्ती में डॉक्टर की दिलचस्पी उन्हें कम दिखाई दे रही है। ऐसे में विभाग के सामने यह बात आई कि एमबीबीएस डॉक्टरों को निजी अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा ज्यादा वेतन मिलता है। इसीलिए डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में काम नहीं करना चाह रहे हैं ।

ऐसे में विभाग के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई, जिसके बाद नया कोडर  लागू किया गया। नए कोडर लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में तैनात एमबीबीएस और नई भर्ती होने वाले डॉक्टरों का वेतन 65000 से ₹70000 तक रखने का फैसला किया गया ,हालांकि कुछ समय पहले भी विभाग ने डॉक्टरों के वेतन में को बढ़ाने के लेकर एक फैसला लिया था; लेकिन इसके बाद भी नीचे अस्पतालों की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का वेतन कम ही था।

इस फैसले को लेकर विभाग ने उच्च अधिकारियों के साथ विभाग के मंत्री के साथ कई बैठकें भी की। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बारे में एक प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भी भेजा गया । जिसमें वित्त विभाग को यह भी बताया गया कि कम वेतन ना होने की वजह से एमबीबीएस डॉक्टर सरकार की भर्ती में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

किंतु हाल ही में 2021 में नए कोडर बनाए जाने को वित्त विभाग की मंजूरी मिल गई। इसके बाद वित्त विभाग के द्वारा नए काडर को बनाने के लिए मंजूरी मिल गई; किंतु कुछ समय के बाद यह देखा गया कि वित्त विभाग को इस बात का भी डर था कि कहीं नए काडर के बनने के बाद सरकारी खजाने पर करोड़ों का बोझ ना पड़ जाए। इन सारी चिंताओं को देखते हुए भी वित्त विभाग ने सरकारी डॉक्टरों के हित में फैसला लिया और नए काडर को लागू करने का हुक्म दिया।

अगर आप भी एक डॉक्टर बनना चाहते हैं और वह भी एक सरकारी डॉक्टर तो आपके लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है।  जिसे आप को जानना चाहिए कि सरकार हर समय सरकारी डॉक्टरों के लिए नए- नए प्रावधान लाते रहती है ताकि उन्हें कोई भी और असुविधा ना महसूस हो।

इस आर्टिकल को पढ़कर आपको यह अंदाजा हो गया होगा कि डॉक्टरों की सैलरी सरकार के द्वारा कितनी निर्धारित की जाती है और किस प्रकार डॉक्टरों को सरकार के द्वारा देखरेख में उनके वेतन का ध्यान भी रखा जाता है।

Conclusion

आज के आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है? मुझे उम्मीद है कि आपको आज आर्टिकल पढ़ने के बाद यह पता चल गया होगा कि डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है ?अगर आपको हमारा आज का आर्टिकल पढ़कर अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर कीजिएगा और अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल उठ रहे हो तो आप हमें बेझिझक  कमेंट बॉक्स में कमेंट करके प्रश्न पूछ सकते हैं ।

धन्यवाद

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