कुछ विधार्थी मेडिकल के क्षेत्र में न जाकर नॉन मेडिकल के क्षेत्र में जाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। उन विद्यार्थियों के मन में अक्सर ऐसे सवाल आते है, कि नॉन मेडिकल में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
नॉन मेडिकल के क्षेत्र में वैसे विद्यार्थी जाना चाहते हैं, जिन्हें मेडिकल के क्षेत्र में जाकर कैरियर बनाने की इच्छा नहीं रहती या मेडिकल के क्षेत्र में जाना नहीं चाहते।
आज के इस आर्टिकल हम मुख्य रूप से नॉन मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको कौन-कौन से विषय लेने होते है, उन सभी विषयों के बारे में बात करने वाले हैं।
इसलिए हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहे तो चलिए अब हम जानते हैं।
नॉन मेडिकल में कौन-कौन से विषय होते हैं?
अगर नॉन मेडिकल के विषयों की बात की जाए तो नॉन मेडिकल में कुल मिलाकर पांच प्रमुख विषय होते हैं। इन पांचों विषयों के नाम इस प्रकार है-
- Physics
- Chemistry
- Mathematics
- English
- Computer
- Economic and Others
नॉन मेडिकल सब्जेक्ट को मुख्य रूप से विद्यार्थी 12वीं कक्षा में लेते हैं,अब हम कुछ प्रमुख नॉन मेडिकल विषय के बारे में विस्तार पूर्वक बात करते हैं।
फिजिक्स (physics)
यह विज्ञान की एक ऐसी शाखा होती है, जो किसी पदार्थ की गति और व्यवहार का अध्ययन करती है।
इसके अलावा फिजिक्स में प्रकृति के विभिन्न अवधारणाओं का भी अध्ययन किया जाता है। आप चाहे तो फिजिक्स को प्रमुख रूप से नॉन मेडिकल सब्जेक्ट के रूप में रख सकते हैं।
केमिस्ट्री (Chemistry)
यह विज्ञान की एक ऐसी शाखा हैं, जिसमें रसायन विज्ञान का अध्ययन किया जाता है। केमिस्ट्री में आप विभिन्न प्रकार की particles का अध्ययन कर सकते हैं।
गणित (Mathematics)
अगर आप नॉन मेडिकल विषय से अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते है, तो आप गणित विषय का भी चुनाव कर सकते हैं।
आप अगर बैंकिंग, इंजीनियरिंग एवं फाइनेंसियल क्षेत्र में जाकर नौकरी करना चाहते हैं तो आपको नॉन मेडिकल् विषय में गणित विषय का ही चुनाव करना चाहिए।
अंग्रेजी (English)
अगर आप नॉन मेडिकल सब्जेक्ट से अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो आप अंग्रेजी विषय का चुनाव करके भी अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
अंग्रेजी विषय का चुनाव करके आप भविष्य में शिक्षक एवं अंग्रेजी भाषा के विशेषज्ञ भी बन सकते हैं।
इसके अलावा भी अंग्रेजी विषय से बहुत सारे स्कोप रहते हैं। अंग्रेजी विषय एक नॉन मेडिकल विषय होती है।
कंप्यूटर (Computer )
आप अगर मेडिकल के क्षेत्र में करियर नहीं बनाना चाहते हैं तो नॉन मेडिकल के क्षेत्र में कंप्यूटर विषय लेकर भी अपना करियर बना सकते हैं।
कंप्यूटर विषय से आप कंप्यूटर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।
आज के समय में जिन विद्यार्थी को मेडिकल के क्षेत्र में नहीं जाना होता है, वह नॉन मेडिकल के क्षेत्र में जाने का विकल्प चुनते हैं जिससे उन्हें भविष्य में जॉब हो जाए।
नॉन मेडिकल विषय का चयन करके आप भविष्य में कंप्यूटर प्रोग्रामर, सूचना सुरक्षा विश्लेषक, सॉफ़्टवेयर डेवलपर, या कंप्यूटर सिस्टम प्रशासक के रूप में भी काम पा सकते है।
अर्थशास्त्र (Economic)
Non medical विषय में आप अर्थशास्त्र को भी ले सकते हैं। इस सब्जेक्ट में आपको वित्तीय व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
अर्थशास्त्र के बारे में आप विस्तार से अध्ययन करके एक अर्थशास्त्री के रूप में भी काम कर सकते हैं।
सबके अलावा जो भी विद्यार्थी नान मेडिकल विषय अर्थशास्त्र विषय का चयन करते हैं, उसके पास भी नौकरी के स्कोप बहुत रहते हैं।
नॉन मेडिकल करने के बाद कितने कोर्स होते है?
जो भी विद्यार्थी 12वीं कक्षा में नॉन मेडिकल कोर्स कर लेते हैं, उन्हें नान मेडिकल का कोर्स करने के बाद बहुत सारे कोर्स के ऑप्शन मिलते है, जिन्हें करके वह अपना भविष्य बना सकते हैं।
अब हम उन सभी कोर्स के बारे में जानते हैं।
- बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग/बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक/बीई)
- बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर
- बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी)
- गणित या सांख्यिकी में बैचलर
- बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
- लॉ (बीए एलएलबी)
- बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए)
- बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए)
- बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस)
- बैचलर ऑफ फाइनेंशियल मार्केट (बीएफएम कोर्स)
- बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन
- बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट
- बैचलर ऑफ एजुकेशन
- बीमांकिक विज्ञान
- फोरेंसिक विज्ञान
- समुद्री विज्ञान
- इंटीग्रेटेड बीई/एमबीए
इन सभी कोर्स को आप 12वीं कक्षा नॉन मेडिकल कोर्स से करने के बाद कर सकते हैं।
नॉन मेडिकल विषय की पढ़ाई कितने साल की होती है?
12वीं कक्षा में लिए जाने वाले कुछ प्रमुख विषय को हम नॉन मेडिकल विषय कहते हैं। वैसे तो आमतौर पर नॉन मेडिकल विषय 12 वीं कक्षा में ही लिया जाता है।
मेडिकल के अलावा जितने भी सब्जेक्ट होते है, उन विषयों को नॉन मेडिकल कहा जाता है। 12वी कक्षा में आपको नॉन मेडिकल विषय से 2 साल पढ़ाई करनी होती है।
लेकिन आप चाहे तो बारहवीं कक्षा के बाद के कोर्स में भी नॉन मेडिकल विषय का चुनाव कर सकते हैं।
नॉन मेडिकल विषय की पढ़ाई करने में आपको 2 से 5 साल लगते हैं। 2 से 5 साल लगने का तात्पर्य है, कि उम्मीदवार 12वीं कक्षा में नॉन मेडिकल विषय से 2 साल तक की पढ़ाई कर सकता है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद 3 साल ग्रेजुएशन के किसी कोर्स को नान मेडिकल विषय से पढ़ना होता है।
ग्रेजुएशन मेडिकल विषय से पूरी करने के बाद विद्यार्थी पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए जाता है जो कि आम तौर पर 2 साल का होता है।
तो कुल मिलकर विद्यार्थी की अगर नॉन मेडिकल विषय की पढ़ाई की बात की जाए तो आपको 5 साल की अवधि पढ़ने में लग जाती है।
नॉन मेडिकल के बाद बहुत सी अच्छी नौकरी होती है, जैसे मर्चेंट नेवी, technical writer etc .
आप नॉन मेडिकल विषय से पढ़ाई करने के बाद कुछ कोर्स को करके अच्छा करियर बना सकते हैं। इंजीनियर, टीचर, वकील और भी कई सारे प्रोफेशन नॉन मेडिकल क्षेत्र में आते हैं।
क्योंकि नॉ-मेडिकल विषय से पढ़ाई करने के बाद भी करियर के बेहतर परिणाम मिलेंगे। डॉक्टर और इससे संबंधित professions को छोड़कर बाकी सारे मुख्य करियर ऑप्शंस non medical क्षेत्र में ही आते हैं।
12वीं नॉन मेडिकल के बाद आपके सामने बहुत सारे कोर्स में से चुनाव करने का विकल्प होता है, साइंस में आप इंजीनियरिंग, या फिर कॉमर्स, या फिर आर्ट्स courses के लिए भी जा सकते हैं।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया नॉन मेडिकल विषय में कितने सब्जेक्ट होते हैं? या नॉन मेडिकल में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
नॉन मेडिकल विषय में जितने भी सब्जेक्ट होते हैं उन सभी विषयों के बारे में एक-एक करके विस्तार पूर्वक विवरण मैंने प्रस्तुत किया है।
इसके अलावा मैने बताया नॉन मेडिकल विषय की पढ़ाई कितने साल की होती है,नॉन मेडिकल विषय की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप कौन कौन से कोर्सेज को चुन सकते हैं।
इन सभी के बारे में एक विस्तृत विवरण इस आर्टिकल मैंने आपको बताया है।आशा करती हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।
अगर आपके पास इस आर्टिकल से जुड़े कोई भी प्रश्न तो कमेंट करके मुझसे अवश्य पूछे धन्यवाद।