आज हम जानेंगे कि तेलंगाना की राजधानी कहां है? (Telangana ki rajdhani kahan hai) या तेलंगाना की राजधानी क्या है? (Telangana ki rajdhani kya hai) तथा तेलंगाना एवं तेलंगाना के राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?
तेलंगाना की राजधानी (Capital of Telangana in hindi) के बारे में पूरे विस्तार से जानने के लिए इसे पूरे ध्यान से पढ़ें।
तेलंगाना की राजधानी क्या है? (Telangana ki rajdhani kahan hai)
तेलंगाना की राजधानी ‘हैदराबाद’ है।
जम्मू कश्मीर राज्य के, जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो यूनियन टेरिटरी बनने से पहले भारत के 29 वे राज्य के रूप में गठन होने वाले राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को चुना गया है। यह पहले आंध्र प्रदेश की राजधानी थी, तेलंगाना के गठन के बाद हैदराबाद तेलंगाना राज्य के हिस्से में आया।
वर्तमान में भारत के तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद है जिस का प्राचीन नाम भाग्यनगर था। हैदराबाद भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहर एवं छठा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी समूह है। भारत के समग्र जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 74 बिलियन अमेरिकी डॉलर के उत्पादन के साथ हैदराबाद पांचवा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद कि क्षेत्रफल एवं जनसंख्या
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या मे, हैदराबाद शहर 625 वर्ग किलोमीटर यानी 241 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला है। यह समुद्र तल से 542 मीटर यानी 1778 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जनसंख्या में वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार इस शहर की आबादी 6731790 एवं महानगर की आबादी 7749334 के करीब कि दर्ज की गई थी।
जैसे कि वर्ष 2011 तक यहां का जनसंख्या घनत्व 18480 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का था। धार्मिक दृष्टिकोण से 2011 की जनसंख्या जनगणना में कुल जनसंख्या का 64.9% हिंदू, 30.1% मुस्लिम, 2.8% ईसाई, 0.3% जैन, 0.3% सिख, 0.1% बौद्ध एवं 1.5% किसी भी धर्म से संबंधित नहीं है। यहां के निवासियों द्वारा बोली जाने वाली मुख्य भाषाएं हिंदी, उर्दू, तेलुगू तथा दक्कनी है।
तेलंगाना की राजधानी कि भूगोल एवं जलवायु
भूगोल एवं जलवायु में, हैदराबाद नगर दक्कन के पठार पर मूसी नदी के दक्षिणी किनारे स्थित है। इसकी स्थिति दक्कन क्षेत्र में समुद्र तट से 542 मीटर की ऊंचाई पर है। मुख्य हैदराबाद शहर मुसी नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है जिसे अब ऐतिहासिक पुराना शहर कहा जाता है।
जलवायु में, हैदराबाद की जलवायु उष्णकटिबंधीय नम एवं शुष्क जलवायु है। गर्मी के दिनों में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस तक जाता है। वही शीतकाल में औसत तापमान 13 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है। वर्षा ऋतु में औसतन 79 सेंटीमीटर की वर्षा अंकित की गई है।
औद्योगिक क्षेत्र में 1990 के दशक के बाद से हैदराबाद फार्मास्युटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी में भारतीय केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत से बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों ने हैदराबाद में परिचालन स्थापित किया है। हैदराबाद भारत के सबसे अधिक विकसित नगरों में से है।
यह जैव प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनता जा रहा है। हैदराबाद आंध्र प्रदेश राज्य की वित्तीय एवं आर्थिक राजधानी भी है, यह राज्य के जीडीपी में सबसे अधिक अंशदाता है। इस शहर को मोतियों का नगर के नाम से भी जाना जाता है। हैदराबाद एक प्रमुख औषधीय उद्योग का केंद्र भी है जहां इस क्षेत्र से संबंधित बड़ी कंपनियां स्थापित है।
तेलंगाना की राजधानी में शिक्षण संस्थान
शिक्षण संस्थानों में भारत के श्रेष्ठ विश्वविद्यालय में से, 1918 में स्थापित निजाम ने उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद में ही है। शुरुआत में यहां मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध दो महाविद्यालय थे। 1974 में यहां हैदराबाद विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई।
अन्य संस्थानों में यहां कई गैर सरकारी संस्थान जैसे अमेरिकन स्टडीज रिसर्च सेंटर एवं जर्मन इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल रिसर्च तथा एक कृषि महाविद्यालय भी है। हैदराबाद अपनी संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में सार्वजनिक व निजी सांस्कृतिक संगठन है जिनमें राज्य द्वारा सहायता प्राप्त नाट्य, साहित्य एवं ललित कला अकैडमी शामिल है। सालारजंग संग्रहालय एवं सार्वजनिक सभागृह रविंद्र भारती भी इसमें अपना योगदान देते हैं।
तेलंगाना की राजधानी में पर्यटन स्थल
पर्यटन स्थलों में हैदराबाद में कई दर्शनीय पर्यटन स्थल मौजूद है, जिनमें हुसैन सागर झील, सालार जंग संग्रहालय, चारमीनार, बिरला मंदिर आदि आते हैं। यह सभी मिलकर हैदराबाद को अलग ही पहचान देते हैं।
चारा भव्य मीनारों सहित नगर का मुख्य चिन्ह, चारमीनार शहर के बीचो बीच एक भव्य इमारत है, जिसका निर्माण कुली कुतुब शाही नवाब के द्वारा करवाया गया था। यह दूर-दूर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
भारत के प्रसिद्ध व सबसे भव्य किलो में से एक गोलकुंडा का किला हैदराबाद के किनारे स्थित है।
सालारजंग संग्रहालय जो पुरातन वस्तुओं का एक व्यक्ति संग्रह वाला सबसे बड़ा संग्रहालय है। पर्यटक इससे काफी आकर्षित होते हैं, यहां कई शताब्दियों के संग्रह देखने को मिलते हैं।
नवाब विकार अल उमरा द्वारा बनवाया गया फलकनुमा पैलेस कला प्रेमियों के लिए घूमने के सबसे बेहतरीन स्थानों में से है।
बिडला मंदिर यह एक हिंदू मंदिर है जो कि नगर के एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है। श्वेत संगमरमर से निर्मित इस मंदिर को पूरे नगर से इसे देखा जा सकता है।
चौमोहल्ला पैलेस 1750 में निजाम सलाबत जंग के द्वारा बनवाया गया था यहां महलों का एक समूह है।
चारमीनार के दक्षिण पूर्व में स्थित पत्थर की बनी मक्का मस्जिद अपने आकार स्थापत्य एवं निर्माण में बेहतरीन है। पर्यटक दूर-दूर से इसे देखने आते हैं।
अपनी लायन सफारी तथा सफेद शेर के लिए प्रसिद्ध हैदराबाद का नेहरू प्राणी संग्रहालय भी यहां के प्रमुख आकर्षण में से है। शेरों के अलावा यहां ऑस्ट्रेलिया एवं अफ्रीका के कई वन्य जीव देखने को मिलते हैं। कई एकड़ में फैले इस संग्रहालय में वाहन द्वारा भी घूमा जाता है।
अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों में बिड़ला तारामंडल, चिलकुर बालाजी, कमल सरोवर, हैदराबाद की बुद्ध प्रतिमा, लाड बाजार, कुतुब शाही मकबरे, पुरानी हवेली, पैगाह मकबरे, मधापुर, स्नो वर्ल्ड, वर्गल सरस्वती देवी मंदिर, एवं संसार का सबसे बड़ा समाकलन स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी जो लगभग 2000 एकड़ में फैला है, पूरे एशिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
तेलंगाना की राजधानी में परिवहन एवं यातायात
परिवहन यानी यातायात में, हैदराबाद वायु मार्ग, सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग में देश के सभी बड़े और मुख्य शहरों एवं अन्य क्षेत्रों से भलीभांति जुड़ा हुआ है।
वायु मार्ग में शम्साबाद में एक नया विमानक्षेत्र राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना है। जिससे सभी बड़े शहरों की तरह यहां वायु यातायात में अब कोई समस्या नहीं है इससे पहले बेगमपेट हवाई अड्डा से अंतर्देशीय तथा अंतरराज्य विमान सेवाएं उपलब्ध थी। यहां से देश के दूसरे शहरों तथा दूसरे शहरों से यहां के लिए नियमित रूप से उड़ाने हरि जाती हैं जिनमें विभिन्न एयरलाइंस कंपनियां कार्यरत है।
सड़क मार्ग में हैदराबाद भारत के विभिन्न क्षेत्रों से राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे द्वारा जुड़ा है। नेशनल हाईवे 7, नेशनल हाईवे 9 तथा नेशनल हाईवे 202 इसे दूसरे क्षेत्रों से जोड़ती है। हैदराबाद में एशिया का तीसरा सबसे बड़ा बसों का बेड़ा है, यहां से विभिन्न क्षेत्रों के लिए नियमित रूप से बसे चलती है जिनमें बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। बस सर्विसेज के अलावा हैदराबाद में कार तथा मोटरसाइकिल टैक्सी सेवाओं की भी शुरुआत हुई है।
रेल मार्ग में यहां मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत लाइट रेल यातायात प्रणाली है। सिकंदराबाद में दक्षिण मध्य रेलवे का मुख्यालय है। रेल मार्ग से यहां पहुंचने के लिए तीन मुख्य रेलवे स्टेशन हैं- हैदराबाद डेकन रेलवे स्टेशन, सिकंदराबाद जंक्शन तथा काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन। 2017 के बाद से हैदराबाद मेट्रो भी शुरू हुई है। देश के अन्य शहरों से यहां के लिए नियमित रूप से एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं।