आज हम जानेंगे कि अरुणाचल प्रदेश की राजधानी क्या है? या अरुणाचल प्रदेश की राजधानी कहां है? (arunachal pradesh ki rajdhani kahan hai) तथा अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं इसके बारे में हम पूरे विस्तार से जानेंगे।
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी कहां है? arunachal pradesh ki rajdhani kahan hai
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ‘ईटानगर’ है।
भारत देश के नॉर्थ ईस्ट राज्य अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है। प्रदेश की राजधानी होने के कारण यह अरुणाचल प्रदेश की मुख्य शहरों की सूची में ऊपर आता है यह एक हिमालय की तराई में बसा शहर है जिससे इसे अद्भुत खूबसूरती मिलती है।
राजधानी होने के कारण यह राज्य के अन्य मुख्य शहरों जैसे गुवाहाटी आदि से सीधे सड़क मार्ग से जुड़ा है जिससे यातायात में सुविधा होती है। यहां आवाजाही के लिए सड़कों की अच्छी व्यवस्था है। दूर-दूर से पर्यटक यहां के सौंदर्य को देखने आते हैं जिसके लिए गुवाहाटी और इटानगर के नहारलागुन के बीच उन्हें हेलीकॉप्टर सेवा का भी विकल्प मिलता है। इसके अलावा डीलक्स बस जैसी परिवहन सुविधा भी उपलब्ध है।
यदि बात की जाए जनसंख्या और क्षेत्रफल की तो वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार इटानगर शहर की जनसंख्या 59,490 के करीब है। यहां की कुल जनसंख्या का यदि स्त्री और पुरुषों में प्रतिशत की बात करें तो यहां की आबादी में पुरुषों की संख्या 53% तथा महिलाओं की संख्या 47% रही थी। एवं साक्षरता दर में, इटानगर शहर की साक्षरता दर भारत देश की औसत साक्षरता दर से नीचे है, इस शहर की साक्षरता दर 66.95% है। अरुणाचल प्रदेश राज्य का इटानगर शहर समुद्र तल से 350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
ईटानगर का इतिहास
यदि बात करें इसके इतिहास की तो इटानगर के नाम से ही विदित है कि इसका नाम ईटा दुर्ग से आया है। इस शहर में स्थित ईटा किला इस शहर की ऐतिहासिक धरोहर है और इसी के ऊपर इस शहर का नामकरण किया गया है। बात करें इस किले की निर्माण की तो कथनों के अनुसार इस किले का निर्माण 14वीं- 15वीं शताब्दी के आसपास जित्री राजवंश के राजा मायापुर ने करवाया था।
इस शहर का यह किला पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र होता है पर्यटक जाकर इस किले को भी देख सकते हैं। जिले के कई सुंदर दृश्य पर्यटक देख सकते हैं। अब इस किले को राजभवन कहा जाता है और यह अरुणाचल प्रदेश राज्य के राज्यपाल का सरकारी आवास है।
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में पर्यटन स्थल
मुख्यतः ईटानगर अपने पर्यटक स्थलों के लिए जाना जाता है। पर्यटन स्थलों में यहां झीलें, किले, राष्ट्रीय उद्यान एवं संग्रहालय इत्यादि जैसे विकल्प पर्यटकों के पास होते हैं। क्योंकि इटानगर शहर का नाम ईटा के किले के ऊपर ही पड़ा है इसीलिए
ईटा फोर्ट यहां के मुख्य आकर्षण केंद्र में से एक है यह किला पुराने समय की एक यादगार धरोहर का एक रूप है जो कि एक भ्रमणीय स्थल है। यह किला पपुमपारे जिले में स्थित है जो कि पर्यटकों का सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल बन चुका है।
यहां एक बौद्ध मंदिर भी है जिसकी निर्माण शैली तिब्बती है जो कि पर्यटक स्थलों में अपना नाम शुमार रखता है बौद्ध गुरु दलाई लामा भी इसकी यात्रा कर चुके हैं।
गंगा झील भी पर्यटक आकर्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। चारों ओर से यह झील पहाड़ियों से घिरी है जिसके आस पास बहुत सी हरियाली एवं वहां का शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसकी स्थिति ईटानगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है।
यहां के बौद्ध मंदिर में ही एक संग्रहालय का निर्माण भी किया गया है जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू संग्रहालय रखा गया है इस संग्रहालय में संग्रहित चीजों से पर्यटकों को पूरे अरुणाचल प्रदेश राज्य की एक झलक भी देखने को मिलता है।
अन्य पर्यटन स्थलों में दोन्य पोलो विद्या भवन, इंदिरा गांधी उद्यान, विज्ञान संस्थान एवं अभियांत्रिकी संस्थान है, जिनमें पर्यटक जा सकते हैं। एवं इसके अलावा यहां शानदार कपड़े, हाथ से बनी वस्तुएं, लकड़ी से बनी खूबसूरत वस्तुएं, भिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र एवं सुंदर कलाकृतियां भी है, जिन्हें संग्रहालय में देखा जा सकता है।
यहां के पर्यटन स्थलों के अलावा इसके समीप अरुणाचल प्रदेश में कुछ और पर्यटक स्थल भी हैं जिनमें नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, Rupa hill station जैसे स्थलों का नाम आता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान ही है जो कि अपने जैव विविधताओं एवं उनके संरक्षण के लिए मशहूर है साथ ही यहां अनेकों अद्भुत प्रकार की वन संपदा भी मौजूद है।रूपा हिल स्टेशन की स्थिति इटानगर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है जहां से पर्यटक हो प्रकृति के बेहद ही खूबसूरत दृश्य देखने को मिलते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी इस शहर का काफी महत्व है।यहां की संस्कृति में आपको उस क्षेत्र के पुराने संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती है। कई क्षेत्रों में आदिवासियों की उपस्थिति इटानगर शहर की परंपरा और संस्कृति को पहचान दिलाती है ।
परिवहन यानी यातायात सुविधा
देश के उत्तर पूर्वी राज्य की राजधानी इटानगर में आपको परिवहन की थोड़ी कम सुविधाएं देखने को मिलती है। यदि बात करें हवाई मार्ग की तो इटानगर के लिए कोई सीधी विमान सेवा उपलब्ध नहीं है। हवाई मार्ग द्वारा जाने पर आप इटानगर से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रौरिया एयरपोर्ट पर उतरेंगे जो कि जोरहाट में है। वहां से टैक्सी अन्य सार्वजनिक वाहन यह किसी निजी वाहन के जरिए आप अपनी मंजिल तक जा सकते हैं।
सड़क मार्ग इटानगर को देश के अन्य मुख्य शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु जैसे शहरों से जोड़ता है। सड़क मार्ग से आप इनमें से किसी भी शहर से वाहन द्वारा इटानगर पहुंच सकते हैं। रोडट्रिप को पसंद करने वाले लोगों के लिए सड़क मार्ग आवाजाही के लिए अच्छा विकल्प होता है।
इसके अलावा आप रेल मार्ग से भी इटानगर पहुंच सकते हैं। इटानगर से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन असम में स्थित हरमुटी रेलवे स्टेशन, एवं अरुणाचल प्रदेश का नाहरलगुन रेलवे स्टेशन है। यह दोनों ही रेलवे स्टेशन देश के अन्य शहरों से रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़े हैं जिससे यहां तक आवागमन आसानी से किया जा सकता है।
प्राकृतिक सौंदर्य में धनी होने के कारण मौसम के अनुरूप इसकी सुंदरता बढ़ती है। इसीलिए साल के अक्टूबर माह से अप्रैल माह तक का समय यहां के पर्यटन स्थलों को देखने के लिए सबसे अच्छा रहता है। इस समय के दौरान यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है जिससे यहां की सुंदरता और नजारों का बेहतर आनंद लिया जा सकता है।