LLM को मास्टर्स ऑफ लॉ या हिंदी में कानून में masters की degree कहते हैं।
एलएलएम के कोर्स को कानून के पढ़ाई में सबसे सर्वश्रेष्ठ डिग्री मानी जाती है।
यह कोर्स एक पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स होता है, जिसको करने के बाद आपके पास कई तरह के करियर के ऑप्शन होते हैं।
अब हम इस आर्टिकल के द्वारा यह जानने की कोशिश करते हैं।
कि llm का कोर्स करने के बाद विद्यार्थी किस तरह अपना करियर बना सकते हैं या llm के बाद क्या करें।
तो चलिए हम जानते हैं, आखिरकार llm का कोर्स करने के बाद आप किस तरह अपना करियर बना सकते हैं।
एलएलएम कोर्स के बाद
एलएलएम का कोर्स पूरा करने के बाद आप किसी कॉलेज में प्रोफेसर,lecturer या law teacher बन सकते हैं।
इसके अलावा आप चाहे तो civil judge, pcsj आदि परीक्षा को देकर अपना करियर बना सकते है।
इस कोर्स को करने के लिए आपको LLB का कोर्स करना होता है,उसके बाद ही आप llm कोर्स को कर सकते है।
एलएलएम के कोर्स में आपको कानून से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियां मिलती है।
हालाकि एलएलबी के कोर्स में भी आपको law से जुडी जानकारी मिलती है,लेकिन LLM के कोर्स में आपको विस्तार से law के बारे में बताया जाता हैं।
अब हम जानते हैं,कि एलएलबी करके एलएलएम कोर्स करने के बाद आप किन-किन करियर ऑप्शन के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।
उनके बारे में हम जानते हैं।
एलएलएम के बाद career option
- Advocate supreme Court
- Advocate high Court
- Advocate district court
- Judge
- Law clerk
- Legal advisor
- Oath commissioner
- Sub magistrate
- Atarni general
- Sales tax advisor
अब हम इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं कि एलएलएम course के बाद आप कौन-कौन से करियर ऑप्शन को कर के अपना करियर बना सकते हैं।
1.Advocate supreme Court
इस कोर्स को करने के बाद आप को सुप्रीम कोर्ट में advocate बनने के लिए आपको हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल के वकालत का अनुभव होना चाहिए।
उसके बाद ही आप सुप्रीम कोर्ट के advocate बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट का एग्जाम दे सकते है,जिसका नाम है,advocate on record exam।
2. Advocate high Court
LLm का कोर्स करने के बाद आपको स्टेट बार से वकालत करने का licence लेना होगा।
जब तक आपके पास वकालत करने का licence नहीं होगा,आप किसी भी प्रकार की वकालत नही कर सकते।
हालाकि वकालत आप एलएलबी करने के बाद भी कर सकते है,लेकिन अगर आप कुछ उच्च शिक्षा लेने के बाद lawyer बनना चाहते हैं तो एलएलएम का कोर्स करे।
license मिलने के बाद आपको state court या किसी भी अन्य वकालत के कार्य को कम से कम 5 वर्षो के लिए काम करना चाहिए।
अगर आप एक सफल वकील बनना चाहते है,तो उसके लिए आपको बीते हुए 5 वर्ष की वकालत को किसी अनुभवी और कुछ खास नामी वकील के साथ काम करना होगा।
5 वर्षो तक प्राइवेट वकील बनकर काम करने के बाद आप आप हाई-कोर्ट में वकालत करने के योग्य हो जाते है।
इसके बाद आप हाईकोर्ट में advocate बन सकते हैं।
3. Advocate district court
लॉ में डिग्री हासिल करने के बाद आपको एक सरकारी वकील बनने के लिए आप किसी भी अदालत मैं एक सरकारी वकील के तौर पर नियुक्त हो सकते हैं|
Government Lawyer बनने के लिए आपको वकालत करने का अनुभव होना चाहिए।
एक सरकारी वकील भी अपनी शुरुआत के समय की वकालत बाकि के वकीलों की तरह ही करता है।
वो भी इसी बात पर निर्भर रहता है,कि जितने भी लोग आपके पास आएंगे आप उतना ही वकालत में अनुभव प्राप्त करेंगे|
4.judge
किसी भी अदालत में न्यायाधीश बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कानून डिग्री, LLB (Bachelor of laws) आपके पास होनी चाहिए।
इसका मतलब यह है,कि आपको जज बनने से पहले एक लॉयर बनना पड़ेगा।
आपको कोर्ट में जज और मजिस्ट्रेट बनने के लिए Masters और PhD की डिग्री की जरूरत नहीं होती है ।
हालांकि,अगर आपको विभिन्न प्रकार के कानूनों में अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अवश्य जाना चाहिए|
अगर आप LLB की पढ़ाई पूरी करने के बाद बिना किसी पूर्व अनुभव (Experience) के न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं।
तो आपको न्यायिक सेवा परीक्षा में competition exam देना होगा जैसे कि हर न्यायिक सेवा अभ्यार्थी करता है।
जिला स्तर पर न्यायधीश बनने के लिए इससे बेहतर और कोई विकल्प आपके पास नहीं है।
5.law clerk
शैक्षिक योग्यता के तौर पर उम्मीदवारों का किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से कला या विज्ञान अथवा समकक्ष विषय से स्नातक पास करना अनिवार्य है।
इन सभी पदों पर नियुक्तियां ऐसी योग्यता के आधार पर की जाएंगी।
6.legal advisor
लीगल एडवाइजर बनने के लिए,किसी विषय में बैचलर की डिग्री प्राथमिक शैक्षणिक मानदंड होता है।जिसे आपको पूरा करना होता है।
इसके बाद आपको लॉ की डिग्री के लिए आवेदन करने के लिए आपका बैचलर होना आवश्यक है।
7.Oath commissioner
शपथ आयुक्त बनने के लिए सबसे पहले आपके पास LLB की डिग्री होनी चाहिए।
LLB की डिग्री प्राप्त करने के लिए पात्र उम्मीदवार भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों या स्वतंत्र law institute के कानून विभागों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा देनी होती है।
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट लॉ करियर में आने के तरीकों में से एक तरीका है।
CLAT के द्वारा हर साल राष्ट्रीय कानून स्कूलों के शीर्ष दस में छात्रों को 5 साल के LLB में प्रवेश देने के लिए आयोजित करता है।
एक बार डिग्री मिलने और पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद प्रत्येक संस्थानों के मानदंडों के according इंटर्नशिप को पूरा करना होता है।
इंटर्नशिप पूरा करने के बाद,किसी अधिवक्ता को किसी भी राज्य बार काउंसिल में खुद को नामांकित करना होगा।
ताकि वह एक वकील बन सके और लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक अनुभव प्राप्त कर सके।
अधिवक्ता जिनका अभ्यास 3 वर्ष से कम है और वे अपने वित्तीय लाभ से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्हें highcourt को यह कहते हुए एक आवेदन देना होगा।
कि वह पेशे से अपनी आजीविका का नेतृत्व करने में असक्षम हैं।
तो रजिस्ट्रार विचार कर सकता है और शपथ आयुक्त के रूप में नियुक्ति का प्रमाण पत्र प्रदान करें।
8. Sub magistrate
जज की नियुक्ति उच्च न्यायालय द्वारा की जाती है।
कोई भी छात्र लॉ की डिग्री लेने के बाद magistrate बनना चाहते हैं,सीधे प्रोविंशियल सिविल सर्विस (ज्यूडिशियल) के एग्जाम को देना होगा।
इस परीक्षा को पास करके कोई भी मजिस्ट्रेट बन सकते हैं।
एग्जाम देकर मजिस्ट्रेट बनने वाले अभ्यार्थी कुछ सालों तक सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट रहते हैं,फिर promote हो जाते हैं।
उसके बाद वह आसानी से magistrate बन जाते है।
Conclusion
इस आर्टिकल के द्वारा मैंने बताया कि एलएलएम का कोर्स करने के बाद आप अपना करियर कैसे बना सकते हैं।
एलएलबी करके LLM के कोर्स करने के बाद आप क्या कर सकते हैं।इसके अलावा मैंने आपको LLM के कोर्स करने के बाद जितने भी तरह के करियर ऑप्शन उपल्ब्ध होते हैं।
उनमें से कुछ विशेष करियर ऑप्शन के बारे में विस्तार पूर्वक विश्लेषण प्रस्तुत की हु।
आशा करती हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।
धन्यवाद।