IAS बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? | IAS banne ke liye kitna rank chahiye

दोस्तों आज के समय में ऐसा कोई विद्यार्थी नहीं है जिसने UPSC(union public service commission) यानी लोक संघ सेवा आयोग के बारे में नहीं सुना होगा।

UPSC परीक्षा में शामिल होने के लिए ग्रेजुएशन पास करना होता है तब ही कोई विद्यार्थी इस परीक्षा को दे सकते हैं यह ग्रेजुएट लेवल एग्जाम है।

UPSC की परीक्षा को हर साल लाखों विद्यार्थी देते हैं, UPSC परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों का सपना होता है ।

कि वह UPSC परीक्षा पास करके एक आईएएस (IAS) ऑफिसर बने।

UPSC परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को प्रशासनिक सेवाओं के अलग-अलग पदों पर नौकरी मिलती है ।

और वह अलग-अलग पदों पर अफसर बनते हैं। जो भी छात्र UPSC परीक्षा को देते हैं ,उसमें से 80% छात्र चाहते कि उन्हें आईएस ऑफिसर का पद मिले ।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे, कि आईएएस (IAS) बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? आईएएस (IAS) ऑफिसर बनने के लिए UPSC में कितना रैंक चाहिए? आईएएस बनने के लिए UPSC में कितना रैंक चाहिए?

यह आर्टिकल UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ,क्योंकि इस आर्टिकल में आपको UPSC परीक्षा में IAS ऑफिसर बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? इसके बारे में सारी जानकारी मिलेगी,

अगर आप भी आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं ,और जानना चाहते कि UPSC परीक्षा में आईएएस ऑफिसर बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? इस आर्टिकल का पूरा ध्यान से पढ़ें।

UPSC के निम्नलिखित पोस्ट हैं:

  • IAS (Indian administrative service), 
  • IPS (Indian police service), 
  • IFS(Indian foreign service) 
  • IRS (Indian revenue service),
  • IFS- Indian Foreign Service,IAAS-  Indian Audit and Accounts Service,
  • ICAS- Indian Civil account service,
  • ICLS- Indian Corporate law service,
  • IDAS- Indian Defence account service,
  • IDES- Indian Defence estate service,
  • IIS- Indian Information service,IOFS- Indian Ordnance factories service,
  • ICFS- Indian Communication Finance service
  • IPoS- Indian Postal service,
  • IRAS- Indian Railway account service,
  • IRPS- Indian Railway personal service,
  • IRTS- Indian Railway traffic service,
  • IRS- Indian Revenue service,
  • ITS- Indian Trade service,

RPF- Railway Protection force,Armed Forces headquarter of civil services ऐसे ही बहुत से सर्विसेज लोक संघ सेवा आयोग के अंतर्गत आती है यह केंद्र द्वारा निर्मित है।

IAS बनने के लिए कितना रैंक चाहिए?

IAS बनने के लिए कितना रैंक चाहिए?

अब हम बात करते हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS(Indian administrative service) जो भी छात्र सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक लाता है उसे IAS बनाया जाता है।

अब हम बात करते हैं आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? IAS की रैंक आईएएस की मार्क्स पर आधारित होती है, जैसा हमने ऊपर बताया था कि इस परीक्षा में Prelims, Mains और Interview यानी Personality test तीन भागों में इस परीक्षा में चयन होता है,

जो विद्यार्थी इन तीनों भागों को पास करते हैं उसी विद्यार्थी का इस परीक्षा में चयन होता है और वह आईएस पद के लिए निर्मित होता है होता है ।

अब हम तीनों भाग प्रीलिम्स,मेंस और इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट को विस्तार से जानेंगे, कि कितने नंबर लाने से इन तीनों को पास किया जा सकता है, और आईएएस पद मिल सकता है।

आईएएस (IAS) बनना है तो कम से कम रैंक लानी होती हैं अगर ऐसे देखा जाए तो विद्यार्थी को 1 से लेकर 100 तक रैंक हासिल करनी होगी,

तब जाकर विद्यार्थी को आईएएस IAS की पोस्ट मिलेगी और वैसे mains के रिजल्ट के बाद एक फॉर्म भरना होता है।

जिसमें अपनी मनपसंद रैंक आदि की जानकारी देनी होती है।

इसके आधार पर इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट होता है और फिर सभी को उनकी प्रतिभा के आधार पर रैंक अलॉट की जाती है।

IAS बनने के लिए कितना रैंक चाहिए ये आपके वर्ग पर भी निर्भर करता है।

अलग-अलग वर्ग के उम्मीदवारों को आईएएस बनने के लिए अलग अलग रैंक लानी होती है।

CategoryRank
GeneralUnder 100
OBCUnder 300
SCUnder 500
STUnder 500

UPSC prelims – (preliminary exam)

प्रीलिम्स यानी प्री यह एग्जाम दो भागो में होता है इसमें 2 पेपर होते हैं, पहला paper general studies का होता है और दूसरा पेपर, जो कि qualifying paper होता है। यह परीक्षा mcq based होती है।

पहले पेपर general studies के आधार पर cutoff बनता है और जो विद्यार्थी cutoff को पार कर जाते हैं उन्हें आगे परीक्षा में बैठने दिया जाता है।

दूसरा पेपर CSAT qualifying nature का है इससे कोई भी रैंक नहीं बनती है बस इसे पास करने से विद्यार्थी एग्जाम के लिए क्वालीफाई हो जाता है। 

CSAT को पास करने के लिए सिर्फ 33% अंक लाने की ही आवश्यकता है। 

लेकिन विद्यार्थियों को दोनों पेपर क्वालीफाई करना आवश्यक है।  अगर कोई विद्यार्थी कोई भी एक पेपर क्वालीफायर करता है ।

और दूसरा क्वालीफाई नहीं कर पाता तो उसका प्रीलिम्स क्लियर नहीं माना जाएगा और दोनों पेपर की परीक्षा एक ही दिन होती है और दो अलग-अलग शिफ्ट में होती है।

और अगर विद्यार्थी प्रीलिम्स यानी प्री परीक्षा पास कर लेता है तो वह मेंस एग्जाम दे सकता हैं।

इसे ज़रूर पढ़ें? (Must Read)

UPSC mains –

UPSC mains जैसा कि हमने पहले भी बताएं की प्रीलिम्स पास कर लेने के बाद विद्यार्थी मेंस की परीक्षा में बैठ सकते है।

यह परीक्षा लिखित तौर पर होती है यह प्रीलिम्स के मुकाबले कठिन होती है क्योंकि इसमें लिखना होता है।Mains में कुल मिलाकर के 9 पेपर देने होते हैं।

सबसे पहले दो पेपर language (eng + Indian/regional language) के होते है। इसके बाद एक निबंध यानी eassy का भी एक अलग पेपर होता हैं।

अलग-अलग टॉपिक पर दो निबंध दिए जाते हैं और जिससे पूरा करने के लिए कुल 3 घंटे का समय दिया जाता है और इसमें से एक वैकल्पिक विषय यानी(optional paper) भी होता है ।

इसे विद्यार्थी अपने मन और रूचि के अनुसार चुनते है कि जिसमें विद्यार्थी अच्छे हो। 

फिर होते हैं 3-3 घंटो के general studies के चार पेपर एक दिन में maximum दो papers लिए जाते हैं।

इसके बाद आता है optional papers (वैकल्पिक विषय) इसमें paper l और paper ll होते हैं।इसमें लैंग्वेज पेपर्स भी होते हैं।इस तरह से कुल 9 पेपर होते हैं।

भाषा पेपर को छोड़कर बाकी सारे papers के अंक मेरिट लिस्ट तैयार करने के समय जोड़े जाते हैं।

और फिर सारे 9 पेपर्स के मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है जिस विद्यार्थी के मेरिट लिस्ट में नाम आता है वह इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट के लिए चुना जाता है ।

Interview (personality test)-

इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट इसके नाम में ही छुपा है की परीक्षा में विद्यार्थी की पर्सनैलिटी का आकलन होता है वह कितना कॉन्फिडेंट है।

  और कितने अच्छे से अपनी व्यक्तित्व को बोर्ड मेंबर के सामने प्रस्तुत करता है इससे पता चलता है। लेकिन इंटरव्यू भी बहुत कठिन होता है।

इसमें विद्यार्थी के जानकारी के हिसाब से इंटरव्यूअर जो खुद भी सिविल सर्विस के अधिकारी होते हैं,विद्यार्थी से प्रश्न पूछते हैं,

और इस हिसाब से विद्यार्थी पूरे नंबर में से अंक देते हैं।प्रीलिम्स मैंस और इंटरव्यू तीनों के अंक जोड़कर फाइनल रिजल्ट तैयार होता है।

अब हम तीनों भागों को एक साथ बताते हैं की IAS रैंक किस आधार पर बनती है यह इस पर भी निर्भर करता है की अलग-अलग कैटेगरी में candidates ने कौन-सा option चुना है।

कुछ उम्मीदवार पहले आईएएस तो कुछ आईपीएस और कुछ विद्यार्थी आईएफएस को चुनते है ।

विद्यार्थी अपनी पसंद और इच्छा के अनुसार पोस्ट चुनते हैं और कैटेगरी का मतलब है जनरल, SC,ST,OBC और EWS (यानी जो आर्थिक रूप से कमज़ोर कैटेगरी में आते हैं)।

विद्यार्थी मेंस का फॉर्म भरते समय पहले ही अपनी prefrence भर देते हैं और फिर उनकी कैटेगरी Prefrance और तीनों प्रीलिम्स, मेंस इंटरव्यू यानी पर्सनैलिटी टेस्ट के अंक के आधार पर उन्हें रैंक a lot किया जाता है।

और जिन भी विद्यार्थी को सबसे ज्यादा अंक प्राप्त होते हैं।

उन्हें अपनी प्रेफरेंस के अनुसार उन्हें पोस्ट अल्लोट होती है। और उन में से सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को IAS (Indian administrative service) यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा की पोस्ट अलॉट होती है,

और यदि कोई ज्यादा रैंक लाने वाला आईएएस नहीं चुनता है तो उसके बाद के रैंक वाले आईएएस बनते हैं।जैसे कि अगर 100 पोस्ट्स की वैकेंसी है, और उसमें IAS के लिए 30 vacancies हैं,

तो टॉप के 30 सभी लोगों को ही IAS मिलेगा। इस तरह से बहुत से विद्यार्थी कम अंक प्राप्त करके भी आईएएस बन जाते हैं।

Conclusion

आज के आर्टिकल में मैंने आपको IAS बनने के लिए कितना रैंक चाहिए? (IAS banne ke liye kitna rank chahiye?), आईएएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा में कितना रैंक चाहिए?, आईएएस (IAS) ऑफिसर बनने के लिए UPSC में कितना रैंक चाहिए? आईएएस बनने के लिए UPSC में कितना रैंक चाहिए? इसके बारे में आपको बताया। जिससे आपको इसकी जानकारी पूर्णता मिल गई होगी ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *