आप में से बहुत लोग ऐसे होंगे जो बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देख रहे होंगे या यूं कहें कि अपना लक्ष्य आपने डॉक्टर बनने के लिए निर्धारित कर लिया है। अगर आप ग्रामीण वासी हैं या आपका गांव से काफी ज्यादा नाता है
और आप चाहते हैं कि आप बड़े होकर एक ग्रामीण डॉक्टर बने; जिससे कि आप ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रख सके और उनकी स्थिति को बेहतर कर सकें तो आप एक ग्रामीण डॉक्टर भी बन सकते हैं।
ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न अवश्य होगा कि डॉक्टर बनने का सपना तो हमने देखा है, किंतु यह ग्रामीण डॉक्टर बनना क्या होता है? तो आपको बता दें केन्द्रीय सरकार 2013 में राजस्थान व्यवस्था को ठीक करने के लिए एक नए मेडिकल कोर्स की घोषणा की थी।
जिस कोर्स को करने के बाद ग्रामीण इलाकों के अस्पताल और स्वार्थ विभागों में एक डॉक्टर के तौर पर काम कर सकते हैं पर इस कोर्स को करने वाले उम्मीदवार अपने नाम के आगे डॉक्टर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
डॉक्टरों के भारी प्रदर्शन के बाद भी सरकार द्वारा ग्रामीण डॉक्टर कोर्स को वर्ष 2013-14 के एकेडमी से session से शुरू कर दिया गया है। जिसे मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया के तहत इस कोर्स को मंजूरी मिल चुकी है।
इस प्रकार आप ग्रामीण डॉक्टर बनने हेतु भी मेडिकल कोर्स कर सकते हैं? और एक ग्रामीण डॉक्टर बन सकते हैं? आज की आर्टिकल में मैं आपको इसी के संदर्भ में बताने जा रही हूं।
आज मैं आपको बताऊंगी कि ग्रामीण डॉक्टर कैसे बने? ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए क्या योग्यता है? ग्रामीण डॉक्टर कैसे बन सकते हैं? डॉक्टर बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है?
ग्रामीण डॉक्टर कैसे बने?
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए सरकार ने 2013 में एक नए मेडिकल कोर्स की शुरुआत की जिसे B.Sc in community health (Bachelor of science in community health) के नाम से जाना जाता है,
इस कोर्स को करने के बाद आप ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल में कार्य कर सकते हैं। ये कोर्स तीन वर्ष से छह महीने का है, इस कोर्स की पढ़ाई के लिए ज़िला के अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के तौर बनाया जाएगा जिसमें कोर्स करने वाले उमीदवारों को पढ़ाया जाएगा,
3 साल के मेडिकल पढ़ाई के बाद 6 महीने का internship कराया जाएगा जिसके बाद आपको ग्रामीण इलाक़ों के अस्पताल और स्वास्थ्य विभागों में काम करना होगा।
ग्रामीण डॉक्टर की आवश्यकता क्यों है?
आप सभी लोगों को यह बात पता होगी कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग स्वस्थ जीवन जीने पर ज्यादा ध्यान देते हैं; क्योंकि यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं आज भी इस इलाके में बहुत ही कमजोर है।
आज भी गांवों में हजारों की संख्या में लोग कुपोषण, कालाजार, मलेरिया, पीलिया इत्यादि बीमारियों से ग्रसित होते हैं और चिकित्सा के अभाव में अपना दम तोड़ देते हैं।
अगर आप भी ग्रामीण क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और प्रशिक्षित होकर ग्रामीण इलाकों के लोगों की बीमारियों का इलाज करके उन्हें स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं, तो आप एक ग्रामीण डॉक्टर बनने का सपना अवश्य देख रहे होंगे।
तो आपको बताऊंगी कि केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 5000 विद्यार्थियों को डॉक्टर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से ग्रामीण डॉक्टर बनाना उनका मुख्य कार्य है; अब इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं ।
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए कोर्स
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले हमें कोर्स करना होता है और वह कोर्स कुछ इस प्रकार है ।
जिसे आप मेडिकल कॉलेज से कर सकते हैं। जैसे:-
- Diploma in operation theater technology
- DMLT
- BSC IN NURSING HOME
- MSC NURSING HOME
- BMLT
- PGDGM
- PGDMCH
- Critical Care in Diploma
- नेत्र विज्ञान में डिप्लोमा
- हड्डी रोग में डिप्लोमा….etc
किसी भी कोर्स को करने से पूर्व उसके विषय में और उसके सिलेबस के विषय में पता होना अनिवार्य है ।जिसके विषय में अब मैं आपको विस्तार पूर्वक बताऊंगी । जिसमें से किसी भी एक कोर्स को करके आप ग्रामीण डॉक्टर बन सकते हैं ;जो कुछ इस प्रकार है:-
Diploma in operation theater technology :-
इस कोर्स के अंतर्गत आपको ऑपरेशन करने की जानकारी दी जाती है और साथ ही साथ नए-नए चीजें आपको सिखाई जाती है ताकि आप अच्छे ढंग से लोगों का इलाज कर सके।
इस कोर्स में पढ़ाए जाने वाले विषय कुछ इस प्रकार हैं:-
- बुनियादी विज्ञान
- ओटी कक्ष संबंधित
- सामान्य
- सामान्य शल्य प्रक्रिया और सीपीआर
- उपकरण का रखरखाव
- बंध्याकरण तरल पदार्थ और आधान
- विशेष सर्जरी…. इत्यादि।
DMLT (Diploma in Medical Laboratory Technology)
DMLT means Diploma in Medical Laboratory Technology.
इस कोर्स के अंतर्गत आपको मेडिकल लैबोरेट्री की अच्छी खासी जानकारी दी जाती है ।जिसके पास आप एक लैबोरेट्री टेक्निशियन बनने के लायक हो जाते हैं, यह कोर्स 1 साल का होता है।
साथ ही साथ इसमें 6 महीने के इंटर्नशिप प्रोग्राम भी होती है यानी करीबन 2 साल के अंतर्गत आपका यह कोर्स पूरा हो जाता है और आप एक बेहतर कैरियर इस कोर्स के द्वारा बता सकते हैं।
इस कोर्स के अंतर्गत प्रमुख विषय जो आपको पढ़ाई जाती है वह कुछ इस प्रकार है:-
- प्रयोगशाला उपकरण और बुनियादी रसायन विज्ञान की मूल बातें
- मूल रुधिर विज्ञान
- ब्लड बैंकिंग और इम्यूनोहेमेटोलॉजी
- क्लीनिकल पैथोलॉजी और पेरासिटामोल
- नैदानिक जीव रसायन
- माइक्रोबायोलॉजी
- हिस्टोपैथोलॉजी और साइटोलॉजी….इत्यादि।
B.sc in NURSING home
इस कोर्स के अंतर्गत हमें मेडिकल क्षेत्र के विषय में विशेष जानकारी दी जाती है ।यह एक बैचलर डिग्री कोर्सेज तीन साल का होता है । जिसे आप किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से कर सकते हैं।
इस कोर्स के अंतर्गत आपको विभिन्न विषयों के विषय में बताया जाता है ;जो इस प्रकार है:-
- अंग्रेजी
- शरीर रचना
- शरीर क्रिया विज्ञान
- पोषण
- जीव रसायन
- नर्सिंग फाउंडेशन
- मनोविज्ञान
- कीटाणु -विज्ञान
- कंप्यूटर का परिचय
- हिंदी भाषा
- पुस्तकालय कार्य अध्ययन
- सह पाठयक्रम गतिविधियां
- समाजशास्त्र
- औषध
- पैथोलॉजी और जेनेटेक्स
- मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग
- सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग
- संचार और शैक्षणिक प्रौद्योगिकी
- बाल स्वास्थ्य नर्सिंग
- मानसिक स्वास्थ्य नर्सिंग
- मिडवाइफरी और प्रस्तुति नर्सिंग
- सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग II
- नर्सिंग संसाधन और सांख्यिकी
- सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग ll
- मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग
- बाल स्वास्थ्य
- मानसिक स्वास्थ्य
- अनुसंधान परियोजना
M.Sc NURSING home
यह मास्टर डिग्री कोर्स है; जो 2 वर्षीय होता है ।जिसके अंतर्गत आपको नर्स और मेडिकल फील्ड के लिए पूरी तरह ट्रेन किया जाता है। यह कोर्स काफी लोकप्रिय कोर्स में से एक है। उससे अधिकतर बैचलर डिग्री करने वाले उम्मीदवार करना पसंद करते हैं।
इस कोर्स में आपको निम्नलिखित चीजों की जानकारी दी जाती है और विभिन्न विषयों को पढ़ाया जाता है जो कुछ इस प्रकार है:-
- NURSING
- उन्नत NURSING और संबंध विषय
- नर्सिंग शिक्षा
- अनुसंधान और सांख्यिकी
- क्लीनिकल नर्सिंग प्रबंधन
- क्लीनिकल नर्सिंग प्रैक्टिकल…etc
BMLT (Bachelor in Medical Laboratory Technology)
BMLT means बैचलर इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी। बैचलर साइंस का पैरामेडिकल कोर्स है; जो कि 3.5 सालों का होता है और इसके अंतर्गत अभ्यार्थियों को पैरामेडिकल विषय की जानकारी प्रदान की जाती है और उन्हें उसमें ट्रेंन किया जाता है।
इस कोर्स के अंतर्गत आपको विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं जो कुछ इस प्रकार है:-
- मानव शरीर रचना विज्ञान
- शरीर क्रिया विज्ञान
- जैव रसायन
- पैथोलॉजी
- माइक्रोबायोलॉजी
- अंग्रेजी
- स्वास्थ्य सेवा
- जैव रसायन
- माइक्रोबायोलॉजी
- समाजशास्त्र
- भारत का संविधान
- पर्यावरण विज्ञान और स्वास्थ्य
- जैव रसायन
- माइक्रोबायोलॉजी
- नैतिकता डेटाबेस प्रबंधन
- कंप्यूटर अनुप्रयोग…..etc
PGDMCH
यह भी एक प्रकार का डिप्लोमा डिग्री कोर्स है, जिसके अंतर्गत आपको मेडिकल फील्ड से जुड़ी तमाम चीजों की जानकारी दी जाती है और साथ ही साथ इस कोर्स में आपको प्रैक्टिकल चीजों के विषय में ज्यादा जानकारी और ज्यादा चीजें करवाई जाती है।
जिसके बाद आप मेडिकल फील्ड में एक बेहतर कर पाते हैं और अपना भविष्य भी बेहतर बना पाते हैं।
इस कोर्स में आपको विभिन्न विषय पढ़ाई जाती है जैसे:-
- निवारक एमसीएच
- प्रजनन स्वास्थ्य
- बाल स्वास्थ्य
- निवारक एमसीएच प्रैक्टिकल
- प्रजनन स्वास्थ्य व्यवहारिक
- बाल स्वास्थ्य व्यवहारिक…..etc
Critical Care in Diploma
यह भी एक डिप्लोमा डिग्री कोर्स है; जिसके अंतर्गत आपको क्रिटिकल केयर के विषय में विशेष जानकारी दी जाती है। यह उस समय होता है ,जब किसी भी patients की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है;
हमें समझ नहीं आता कि उस कंडीशन में क्या करें? इसके अंतर्गत हमको इसी प्रकार की विभिन्न सेवाओं के विषय में बताया जाता है और प्रैक्टिकली बहुत चीजों को समझाया भी जाता है।
इस कोर्स के अंतर्गत आपको निम्नलिखित विषयों के विषय में पढ़ाया जाता है जैसे:-
- सामान्य शरीर रचना विज्ञान और फिजियोलॉजी
- औषध विज्ञान
- माइक्रोबायोलॉजी और सीएसएसडी
- क्रिटिकल केयर सर्विसेज के मूल बातें
- आईसीयू प्रबंधन
- विविन प्रक्रिया और उपकरण
- क्रिटिकल केयर टेक्नोलॉजी……etc
नेत्र विज्ञान में डिप्लोमा
यह डिप्लोमा डिग्री कोर्सेज इसमें आपको नेत्र से संबंधित चीजों के विषय में बताया जाता है। जिसके बाद आपको नेत्र का अच्छा खासा ज्ञान हो जाता है। अगर आप नेत्र के डॉक्टर बनना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए बेहद जरूरी कोर्स में से एक है।
इस कोर्स में आपको निम्नलिखित विषय पढ़ाई जाती है जो कुछ इस प्रकार है:-
- एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी
- पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी
- बायोकेमेस्ट्री
- औषधि विज्ञान
- प्रकाशिकी
- अपवर्तक सहित नैदानिक नेत्र विज्ञान
- खोजी चिकित्सा प्रक्रिया ,राष्ट्रीय कार्यक्रम सहित…etc
हड्डी रोग में डिप्लोमा:-
इस कोर्स में आपको bones से संबंधित निम्नलिखित चीजों के विषय में विस्तार पूर्वक और सही तरीके से पढ़ाया और समझाया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक हड्डी विशेषज्ञ बन जाते हैं।
इस कोर्स में आपको निम्नलिखित विषय के विषय में पढ़ाया जाता है; जो कुछ इस प्रकार है:-
- शरीर रचना
- जैव यांत्रिकी
- यांत्रिकी
- गणित
- सामान्य स्वास्थ्य शिक्षा
- सामान्य यांत्रिक कौशल
- यांत्रिक संचालन
- क्लीनिक
- कार्यशाला प्रबंधन
- क्लीनिकल अभ्यास….etc
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए कौन कौन से दस्तावेज़ की आवश्यकता पड़ती है?
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए कोर्स के अलावा भी कोर्स में लगने वाले निम्नलिखित डॉक्यूमेंट के विषय में आपको अवगत होना काफी जरूरी है। अब मैं आपको ग्रामीण मेडिकल कोर्स के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट के विषय में बताऊंगी जो कुछ इस प्रकार है:-
- 10th और 12th का मार्कशीट और passing सर्टिफिकेट
- जन्मतिथि का प्रमाण पत्र
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र
- आवासीय प्रमाण पत्र
- स्थाई प्रमाण पत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- विकलांगता का प्रमाण पत्र
- प्रवासन प्रमाणपत्र
ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए क्या प्रोसेस होता है?
अब मैंने आपको ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए कोर्सेज और उसमें लगने वाले महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स के विषय में बताया। अब मैं आपको ग्रामीण डॉक्टर बनने के लिए क्या प्रोसेस होता है? इसके विषय में बताऊंगी। जिसके बाद आपको क्लियर हो जाएगा कि एक ग्रामीण डॉक्टर कैसे हम बन सकते हैं?
ग्रामीण डॉक्टर पढ़ने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया इस प्रकार है:-
- सबसे पहले किसी पर मान्यता प्राप्त विद्यालय से आपको 10 वीं कक्षा साइंस विषय के साथ पढ़ा हुआ होना चाहिए।
- दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होने के पश्चात आपको 11वीं और 12वीं कक्षा बायलॉजी विषय के साथ पढ़ा हुआ होना चाहिए ;तभी आप ग्रामीण डॉक्टर से जुड़े कोर्स करने के योग्य होते हैं।
- सरकार द्वारा इस कोर्स को करने के लिए उम्र सीमा निर्धारित की गई है ;आपका उम्र श्रेणी में होना चाहिए और अगर आप आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार हैं तो आपको आयु सीमा में कुछ सालों का छोड़ दे दिया जाता है।
- बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होने के पश्चात कोर्स में दाखिला हेतु आवेदन करना होगा।
- आवेदन के पश्चात कोर्स में दाखिला हेतु एक लिखित परीक्षा ली जाती है; जिसमें आपको उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आप अपने rank के according कोई भी कॉलेज choose कर सकते हैं; result आने के बाद आपकी काउंसलिंग होतीहै। काउंसलिंग के दौरान आपका कॉलेज choose किया जाता है।
- इस प्रकार आप 3 वर्षीय कोर्स तथा 6 महीने की इंटरशिप करनी होती है।
- इस कोर्स को करने के बाद आप ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर या किसी भी ग्रामीण हॉस्पिटल में तैनात हो सकते हैं और एक ग्रामीण डॉक्टर बन सकते हैं।
Conclusion:-
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको ग्रामीण डॉक्टर कैसे बने? जिसके बाद मुझे उम्मीद है कि आपको ग्रामीण डॉक्टर बनने की पूरी प्रक्रिया समझ में अवश्य आ गई होगी।
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धन्यवाद
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