CSE क्या है? | CSE in hindi

आज हम जानेंगे कि से CSE क्या होता है? (CSE kya hai) CSE का फुल फॉर्म क्या है? (CSE ka full form kya hai) तथा CSE का काम क्या होता है? एवं CSE को कितनी सैलरी मिलती है?

CSE का फुल फॉर्म क्या है? (Full form of CSE)

CSE का फुल फॉर्म ‘COMPUTER SCIENCE ENGINEERING ‘ है। जिसे हिंदी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं यूपीएससी (upsc) से संबंधित CSE का फुल फॉर्म CIVIL SERVICES EXAM भी होता है?

CSE क्या है? (CSE kya hai)

सीधे शब्दों में इसके अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान और उससे संबंधित क्षेत्रों का गहन अध्ययन किया जाता है। इस विषय के अंतर्गत कंप्यूटर और उस जैसे अन्य उपकरणों के बारे में पढ़ाया जाता है। यह एक सीनियर अनुशासन है जिसमें कंप्यूटर सिस्टम के डेवलपमेंट के लिए जरूरी कंप्यूटर विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों का एक साथ अध्ययन किया जाता है।

Computer science engineering यानी CSE देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय courses में से एक है। वर्तमान में देश के लाखों युवा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में है कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का कोर्स करते हैं।

कंप्यूटर साइंस के अंतर्गत सिर्फ कंप्यूटर का अध्ययन ही नहीं बल्कि कंप्यूटर साइंस एक ऐसा क्षेत्र है जहां कंप्यूटर प्रोग्रामिंग नेटवर्किंग के बेसिक एलिमेंट्स और कंप्यूटर इंफॉर्मेशन का अध्ययन करके develop करना भी सिखाया जाता है। इस कोर्स को करने वाले छात्र हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के संबंध में इंफॉर्मेशन सिस्टम की डिजाइनिंग उन्हें किस प्रकार से इंप्लीमेंट किया जाए और उनके मैनेजमेंट आदि के बारे में सीखते हैं इसके साथ ही उन्हें कंप्यूटेशन और कंप्यूटेशनल सिस्टम के बारे में पढ़ाया जाता है। इसका संबंध इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स और लिंग्विस्टिक्स से है।

कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर 2 हिस्से होते हैं। Computer engineering के अंतर्गत कंप्यूटर के हार्डवेयर से संबंधित अध्ययन कराया जाता है। कंप्यूटर साइंस अभ्यार्थियों को सॉफ्टवेयर से संबंधित हर प्रकार की जानकारी देता है। एक कंप्यूटर के लिए हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर भी उतना ही जरूरी होता है।

CSE के अंतर्गत कई विषय आते हैं जो कि कंप्यूटर से संबंधित है। इन विषयों में प्रोग्राम डिजाइन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के एल्गोरिदम का विश्लेषण इत्यादि सम्मिलित है।

CSE के लिए शैक्षणिक योग्यता?

शैक्षणिक योग्यता में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आपका किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ कम से कम 60% अंकों के साथ 12 वीं पास होना जरूरी होता है।

12वीं पास कर लेने के बाद आप b.sc या bca करके कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं।

ये पूरी हो जाने के बाद आगे की पढ़ाई में आप m.sc और mca भी कर सकते हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग में दाखिला पीसीएम के मार्क्स के बेसिस पर किया जाता है। यानी ग्रैजुएट लेवल पर 12वीं के बाद आप कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर सकते हैं तथा पोस्ट ग्रैजुएट लेवल पर b.tech जैसी डिग्री के बाद आप आगे कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करते हैं।

Computer science engineer का क्या कार्य होता है?

वर्तमान समय में कंप्यूटर का इस्तेमाल हर क्षेत्र में काफी बढ़ चुका है बिना कंप्यूटर के बहुत से क्षेत्रों में कोई भी काम आसानी से नहीं हो सकता है कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के साथ कंप्यूटर इंजीनियर हार्डवेयर इंजीनियर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की आवश्यकता हर क्षेत्र में पड़ती है।

किसी भी उद्योग में hardware, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क प्रबंधन के कार्य के लिए एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर की आवश्यकता पड़ती है जो इस प्रकार के  कार्यों को करता है। वर्तमान में हर प्रकार के औद्योगिक क्षेत्र में इस प्रकार के कार्यों की आवश्यकता रहती है।

पीसी और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसो के हार्डवेयर घटको के डिजाइन और उसके डेवलपमेंट का काम होता है। इन उपकरणों के डिजाइन और डेवलपमेंट का काम भी एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर का होता है।

कंप्यूटर से संबंधित अन्य परिधीय उपकरणों जिनमें कंप्यूटर के लिए प्रिंटर, इसके साथ इस्तेमाल होने वाला  मॉडम और स्केनर आदि जैसे उपकरण आते हैं, इनके लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम भी इन्हीं का होता है।

Computer जिन operating systems पर काम करते हैं उनके लिए कोड और एल्गोरिदम आदि लिखने का काम भी एक कंप्यूटर इंजीनियर का ही होता है। Computer के लिए operating systems में windows, linux आदि जैसे operating systems का नाम आता है।

एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग और डिजाइनिंग करने का होता है। कंप्यूटर में इंस्टॉल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर के द्वारा ही बनाए जाते हैं। कंप्यूटर में हम जिस  भी सुविधा का इस्तेमाल करते हैं वह सभी किसी न किसी प्रकार के सॉफ्टवेयर पर ही चलते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम सॉफ्टवेयर बनाने से लेकर उसके ऑपरेशन और उसके मेंटेनेंस तक का होता है। इनके अन्य कामों में सॉफ्टवेयर रिक्वायरमेंट कंस्ट्रक्शन और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग भी आते हैं।

एक कंप्यूटर इंजीनियर को कंप्यूटर के सभी पार्ट्स की जानकारी होने के साथ-साथ उन पार्ट्स की रिपेयरिंग की जानकारी, सॉफ्टवेयर के इंस्टॉलेशन की जानकारी, कंप्यूटर के रखरखाव और इसके साथ-साथ इससे जुड़ी हर प्रकार की जानकारी होती है, इसमें प्रिंटर सीपीयू मॉडल आदि जैसे उपकरण भी सम्मिलित है।

Computer Science Engineer की सैलरी?

आज के समय में किसी भी क्षेत्र में कंप्यूटर के बिना कार्य होना संभव नहीं हर प्रकार के कार्य में कंप्यूटर की आवश्यकता पड़ती है, परिणामस्वरूप कंप्यूटर साइंस इंजीनियर की डिमांड हर क्षेत्र में काफी ज्यादा रहती है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो छात्रों को ज्यादा से ज्यादा सैलरी पैकेज ऑफर करती है। एक फ्रेशर यानी इस क्षेत्र में नए होने पर अपने करियर की शुरुआत में आप दो से तीन लाख प्रति वर्ष तक का वेतन एक्सपेक्ट कर सकते हैं जो कि समय के साथ आपका ज्ञान और अनुभव बढ़ने पर और बढ़ता जाता है।

CSE का फुल फॉर्म CIVIL SERVICES EXAM भी होता है।

इंजीनियरिंग क्षेत्र से हटकर सिविल सेवाओं में जाने में रुचि रखने वालों के लिए CSE का मतलब सिविल सर्विसेज एग्जाम यानी सिविल सेवाओं की परीक्षा भी होता है। जो अभ्यर्थी आईएएस आईपीएस जैसे पदों पर जाना चाहते हैं वे सिविल सेवाओ की परीक्षा की तैयारी करते हैं। UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा एवं सेवाओं की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है जिसे पास करके अभ्यार्थी आईएएस और आईपीएस जैसे पदों पर कार्यशील होते हैं। इस परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन कंप्लीट पक्की होती है। इसकी परीक्षाओं को देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से माना जाता है।