सिविल इंजीनियरिंग कैसे करें? – योग्यता, सैलरी, नौकरी

Civil engineering kaise kare – आपने नाम तो बहुत से अलग-अलग इंजीनियरिंग के बारे में सुना होगा और सिविल इंजीनियरिंग भी उनमें से ही एक है लेकिन आपके मन में एक सवाल जरूर आता होगा।

आखिरकार यह सिविल इंजीनियरिंग क्या है (Civil engineering kya hai) , सिविल इंजीनियरिंग कैसे करें (Civil engineering kaise kare) और सिविल इंजीनियरिंग में हमें क्या काम करना पड़ता है तथा सिविल इंजीनियरिंग के क्या-क्या फायदे हैं। 

आज मैं आपके सारे कन्फ्यूजन को बिल्कुल दूर कर दूंगा सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े जितने भी सवाल आपके मन में है मैं उन सारे सवालों का जवाब देने की कोशिश करूंगा। 

सिविल इंजीनियरिंग क्या होता है?

आसान भाषा में कहें तो सिविल इंजीनियरिंग एक बहुत ही उच्च स्तर का इंजीनियर होता है जिसका काम डिजाइन तैयार करना होता है। 

आसान भाषा में समझे तो आपने देखा होगा बड़े-बड़े बिल्डिंग्स को बनते हुए तो आखिरकार इन बिल्डिंग्स की डिजाइन को तैयार करता कौन है दोस्तों इन बड़े-बड़े बिल्डिंग्स की डिजाइन को सिविल इंजीनियर द्वारा ही तैयार किया जाता है। 

यह और भी कई तरह के काम करते हैं जैसे कि पुल बनाना बांध बनाना  इत्यादि बहुत से काम होते हैं जो कि सिविल इंजीनियर द्वारा किया जाता है। 

सिविल इंजीनियर ही क्यों

आपके मन में एक सवाल आता होगा कि इस तरह के काम को सिविल इंजीनियर द्वारा ही क्यों किया जाता है इसे तो एक साधारण इंसान भी कर सकता है। 

लेकिन दोस्तों ऐसी बात नहीं है एक साधारण इंसान इन कामों को बिल्कुल भी नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें इसकी प्रशिक्षण नहीं दे जाती है। 

लेकिन सिविल इंजीनियर को बहुत ही उच्च स्तर की प्रशिक्षण दी जाती है ताकि भविष्य में वह जो भी काम करें उस काम में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना हो। 

सिविल इंजीनियरिंग कैसे करें – Civil engineering kaise kare

Civil engineering kya hota hai

सिविल इंजीनियरिंग आप दसवीं और बारहवीं के बाद कभी भी कर सकते हैं अगर आप दसवीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करते हैं तो आप जूनियर सिविल इंजीनियर कहलाएंगे । 

इस कोर्स को हम डिप्लोमा भी कहते हैं लेकिन अगर आप बारवी के बाद सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो इसके लिए बारवी में विषय के रूप में आपके पास फिजिक्स केमेस्ट्री और गणित होनी चाहिए। 

हर विषय में कम से कम 60 प्रतिशत मार्क्स होनी चाहिए क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग से जुड़ी किसी भी इंट्रेंस एग्जाम को देने के लिए आपको हर विषय में कम से कम 60  प्रतिशत नंबर होनी चाहिए तभी आप इंट्रेंस एग्जाम को दे सकते हैं। 

अगर आप इंट्रेंस एग्जाम को क्वालीफाई कर लेते हैं तो आपको काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है काउंसलिंग में आपको अपने अनुसार कोई भी कॉलेज चुनने को कहा जाता है। 

जहां आप अपनी पढ़ाई जारी करना चाहते हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि अगर आप अपने अनुसार कॉलेज चुनना चाहते हैं तो इंट्रेंस एग्जाम में आपको अच्छे मार्क्स लाने होंगे तभी आप अपने मन मुताबिक कॉलेज को चुन पाएंगे अन्यथा आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 

सिविल इंजीनियरिंग बनने के लिए योग्यता

सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए बारवीं में विषय के रूप में आपके पास विज्ञान होनी चाहिए विज्ञान से मेरा मतलब फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ से है। 

आप चाहे तो दसवीं के बाद भी सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कर सकते हैं दसवीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग कोर्स करने से आप जूनियर सिविल इंजीनियर बन सकते हैं। 

सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए बारवी में आपका हर विषय मैं कम से कम 60 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए तभी आप सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े इंट्रेंस एग्जाम को दे पाएंगे। 

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सिविल इंजीनियरिंग कहां से करें

वैसे तो सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए भारत में बहुत से अच्छे-अच्छे कॉलेज है लेकिन फिर भी मैं आपको कुछ कॉलेज के बारे में बता रहा हूं जहां से आप सिविल इंजीनियरिंग कर सकते हैं। 

  • राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी भोपाल
  • मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मणिपाल
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

इसका अलावा भी बहुत से और भी कॉलेज जहां से आप सिविल इंजीनियरिंग की कोर्स को कर सकते हैं। 

सिविल इंजीनियरिंग में पढ़ाई

काउंसलिंग होने के बाद जब आप कॉलेज में अपना दाखिला करा लेते हैं तो वहां आपको 4 साल तक सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कराया जाता है। 

जहां की आपको सिखाया जाता है कि एक पुल, घर, बिल्डिंग, सड़क इत्यादि कैसे तैयार करना है इसकी शुरुआत कैसे करनी है इसकी डिजाइन कैसी होनी चाहिए और तरह-तरह के ट्रेनिंग आपको दे जाती है। 

अगर आप कॉलेज में अच्छी तरह से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कर लेते हैं तो इसके बाद आपको नौकरी मिलने की संभावनाएं बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है। 

आज के समय में सिविल इंजीनियर की बहुत ज्यादा डिमांड है क्योंकि अभी जैसे कि आप सभी लोगों को पता है कि बीते हुए कुछ सालों में भारत तेजी से विकास कर रहा है और इसमें उसे अच्छे अच्छे इंजीनियर की तलाश है और सिविल इंजीनियर भी उनमें से एक है। 

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सिविल इंजीनियर की वेतन – Salary of Civil engineer

जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि कोई भी नौकरी में शुरुआत में अच्छी वेतन मिलना मुश्किल होता है। 

लेकिन फिर भी सिविल इंजीनियर को महीने के कम से कम 20 से 25 हजारों  मिल जाते हैं और जैसे जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा आपकी वेतन भी बढ़ते जाएंगे और यह बहुत ही जल्दी लाखों में बहुत जाती है। 

सिविल इंजीनियरिंग की सर्टिफिकेट

सिविल इंजीनियरिंग के कोर्स को कहने के बाद आपको कुछ साल तक छोटे छोटे काम को करना होगा जिस से कि आपको एक्सपीरियंस मिल सके। 

एक बार अगर आपको एक्सपीरियंस मिल जाती है तो फिर आप सिविल इंजीनियरिंग की प्रोफेशनल सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। 
अगर आपको इसकी सर्टिफिकेट मिल जाती है फिर आप एक प्रोफेशनल सिविल इंजीनियर कहलाएंगे।

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Conclusion

आज हमने जाना कि हम सिविल इंजीनियरिंग कैसे (Civil engineering kaise kare) करें सिविल इंजीनियरिंग कहां से करें तथा सिविल इंजीनियरिंग करने के क्या क्या फायदे हैं। 

मुझे उम्मीद है कि सिविल इंजीनियरिंग पर दी गई मेरी जानकारी आप सभी लोगों को अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा तथा इससे आपको बहुत ज्यादा मदद भी मिली होगी। 

सिविल इंजीनियरिंग से जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाव है तो कृपया करके में कमेंट में जरूर बताएं इससे हमें खुशी होगी तथा भविष्य में काम करने के लिए हमें मोटिवेशन भी मिलेगी। 

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