Law के क्षेत्र में एलएलएम करने के फायदे बहुत सारे हैं, लेकिन ऐसे बहुत से छात्र होते हैं जिन्हें एलएलएम कोर्स के फायदे नहीं पता होते है।
अगर आप भी एलएलएम का कोर्स करना चाहते हैं। तो हमारे आर्टिकल में अंत तक बन रहे, आज के इस आर्टिकल में हम आपको मुख्य रूप से एलएलएम कोर्स के फायदे बताने वाले हैं।
तो चलिए हम जानते हैं कि आखिरकार LLM कोर्स करने के क्या फायदे होते हैं ? या LLM कोर्स करने के बाद आपको कौन-कौन से करियर ऑप्शन मिलते हैं? इसके बारे में हम विस्तार से जानते हैं।
एलएलएम कोर्स के फ़ायदे
आपको एलएलएम का कोर्स करने से बहुत सारे फायदे होते हैं, जैसे आप किसी क्षेत्र में विशेषज्ञ सलाहकार बन सकते हैं, या फिर आप सुप्रीम कोर्ट में एक अच्छे वकील के तौर पर काम कर सकते हैं आदि जैसे अन्य भी बहुत सारे फायदे हैं।
एलएलएम के कोर्स को कानून की पढ़ाई की सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित degree मानी जाती है, यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होता है।
इसको course को करने के बहुत सारे फायदे है, तो चलिए अब हम इसके फायदों के बारे में जानते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद आप क्षेत्र में एक विशेषज्ञ सलाहकार बन सकते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद अब किसी भी प्रकार की मुश्किल case को आसानी से लड़ सकते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद आप कानून के विशेषज्ञ बन जाते हैं।
- कोर्स करने के बाद आप के लिए जॉब के क्षेत्र में एक अच्छे विकल्प खुल जाते हैं।
- कानून के मास्टर एक कैंडिडेट को कानून के एक विशेष क्षेत्र में अनुसंधान के माध्यम से विशेष ज्ञान लेने में सक्षम बनाती है।
- पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पा सकते हैं।
- एलएलएम कोर्स पूरा करने के बाद आप तहसील से लेकर जिला स्तरीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक वकील बन सकते हैं।
- आप अपना करियर आसानी से बना सकते हैं, लेकिन एलएलएम कोर्स (LLM Course) करने के लिए आपको LLB का कोर्स करना अनिवार्य है।
LLM के बाद क्या करें?
LLM का कोर्स करने के बाद आप चाहे तो पब्लिक या प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में रोजगार आसानी से पा सकते हैं।
इस कोर्स को करने के बाद बहुत सारे लोगों को लगता है, कि वह सिर्फ एक वकील बन सकते हैं।
लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, इस कोर्स को करने के बाद आप के पास बहुत सारे करियर ऑप्शन उपलब्ध हो जाते हैं।
कई ऐसे सरकारी नौकरियां भी है, जिसमे law के कोर्स की डिमांड होती है। नए दौर में कानून के जानकारों के लिए कारपोरेट sector में भी नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं।
कानून का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र होता है,जहां गवर्नमेंट और प्राइवेट, दोनों सेक्टर में काफी अच्छी job की संभावनाएं होती हैं।
यहां high paying salary करियर है, इसमें पढ़ने की आदत होने के साथ साथ, प्रेजेंटेशन स्किल्स, कॉम्यूनिकेशन skills का होना भी बहुत काम आता है।
एलएलएम कोर्स के बाद के करियर option
LLM की कोर्स करने के बाद, आपको कैरियर के बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध मिलते हैं। अब हम उन सभी options के बारे में एक एक करके जानते हैं।
- Law reporters
- solicitor
- Public procedures
- Magistrate
- District judge
- Legal advisor
- Oath commissioner
- Teachers
- Sub magistrate
- Atarni general
- Employment sector
- Business houses job
- Private practices
- Educational institute’s
- Banks
- Legal constiance
- Sales tax advisors
अब हम इन सभी career ऑप्शंस के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।
1.law reporters
इस जॉब में कानून की रिपोर्ट तैयार करना, सामान्य कानून बनाना और एक न्यायिक निर्णय का प्रकाशित रिकॉर्ड तैयार करना होता है।
जिससे वकीलों और न्यायाधीशों के द्वारा बाद के मामलों में मिसाल के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए उद्धृत किया जा सके।
एक निर्णय की रिपोर्ट में आमतौर पर मामले का शीर्षक, मुकदमेबाजी को जन्म देने वाले तथ्यों का विवरण और अदालतों में इसका इतिहास शामिल होता है।
आप चाहे तो इस कोर्स के बाद law रिपोर्टर्स के क्षेत्र में अपना कैरियर आसानी से बना सकते हैं। एलएलएम का कोर्स करने के बाद या काफी अच्छा करियर ऑप्शन है।
2.solicitor
सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (SG) दरअसल अटॉर्नी जनरल के तहत आते हैं, यानी यह एक तरह से देश के दूसरे सबसे बड़े कानूनी अधिकारी होते हैं।
वह न्यायिक मामलों में अटॉर्नी जनरल की मदद करते हैं, सॉलिसिटर जनरल की मदद के लिए चार ऐडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी होते हैं।
solicitor बनने के लिए भी आपके पास LLM के कोर्स की डिग्री होनी चाहिए तभी आप इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं।
3.public procedure
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर यानि जिसे हम हिंदी भाषा में लोक अभियोजक भी कहते हैं।
यह एक वकील होता है, जो हर किसी आपराधिक मुकदमे में राज्य या राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
किसी public procedure की भूमिका तब शुरू होती है, जब पुलिस किसी एफआईआर की जांच के बाद उस केस से संबंधित आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर देती है।
तब उस case को पब्लिक procedure देखता है और उस केस से संबंधित जांच करके अपराधी के वकील के तौर पर काम करता है।
एलएलएम के कोर्स को करने के बाद आप public procedure के रूप में भी काम करके अपना कैरियर बना सकते हैं।
4.Magistrate
एक मजिस्ट्रेट एक राज्य का एक न्यायिक अधिकारी (Judicial Officer) या एक सिविल अधिकारी होता है, जो एक विशिष्ट क्षेत्र जैसे शहर, जिले आदि में सभी प्रकार के छोटे मामलों को देखता है।
जबकि एक न्यायाधीश, एक न्यायिक अधिकारी होता है। जो अदालती कार्यवाही का प्रशासन करता है और कानूनी मामलों का विश्लेषण करने के बाद निर्णय देता है।
कोर्ट में मजिस्ट्रेट बनने के लिए भी आपको एलएलएम का कोर्स करना जरूरी होता है मजिस्ट्रेट बनकर नौकरी करना यह भी एक अच्छा करियर ऑप्शन है।
5.District Judge
जिला स्तर के अदालत में सिविल मामलों की जो सुनवाई करते हैं, उसे डिस्ट्रिक्ट जज कहते हैं।
जबकि जो क्रिमिनल मामलों की सुनवाई करते हैं, उन्हें हम न्यायाधीश यानी Sessions Judge भी कहते हैं।
डिस्ट्रिक्ट लेवल के जज बनने के लिए भी किसी भी छात्र का एलएलएम का कोर्स करना जरूरी होता है।
6.Legal advisor
लीगल एडवाइजर आमतौर पर वकील होते हैं,जो व्यक्तियों या संगठनों को कानूनी सलाह और सेवाएं प्रदान करते हैं।
कानून के एक विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञ भी होते हैं और क्लाइंट को किसी भी कानूनी प्रभाव या परिणाम को रोकने में मदद करते हैं।
आप चाहे तो एलएलएम का कोर्स करने के बाद लीगल एडवाइजर भी बन सकते हैं।
7.Oath commissioner
अदालती कार्रवाई का पक्षकार अपने दावे व कथनों को शपथ पत्र से समर्थित करता है,शपथ पत्र पर उसके देने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर और पहचान सहित तारीख को अंकित कर ओथ कमिश्नर उस पर अपनी सील लगाकर शपथकर्ता से नाम, पिता का नाम, पता आदि विवरण भरकर अपने हस्ताक्षर किए जाते हैं।
ओथ कमिश्नर बनने के लिए भी छात्र का एलएलबी और एलएलएम करना जरूरी होता है।
8.sub magistrate
सब-मजिस्ट्रेट एक जज होता है,जो मुकदमों के फैसले सुनाता है। वह पुलिस विभाग से संबंधित नहीं होता है।
sub magistrate का काम कोर्ट में अपना फैसला सुनाने का है,यह न्याय करता है।
कि किसी व्यक्ति ने जुर्म किया है या नहीं किया है यह जानकर उसे मुक्त एवं सजा देने का अधिकार भी रखता है।
आप चाहे तो सब मजिस्ट्रेट के रूप में भी एलएलएम का कोर्स करने के बाद अपना कैरियर बना सकते है।
9.Attorney general
सरकार को कानूनी सहायता देने के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाती है, जिसे हम अटॉर्नी जनरल के नाम से जानते हैं।
यह सरकार के पहले chief विधि अधिकारी होते हैं, इनकी योग्यता सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर होती है, लेकिन दोनों में बहुत फर्क होता है।
अटॉर्नी जनरल बनने के लिए भी आपको एलएलएम का कोर्स करना होता है, आईआईएम का कोर्स करने के बाद आप अटॉर्नी जनरल भी बन सकते हैं।
एलएलएम क्यों करना चाहिए?
हमारे देश में पुलिस विभाग को जितनी अहमियत दी जाती है, उतनी अहमियत एक वकील को भी मिलती है। क्योंकि जहां कानून होता है, वहां वकील की जरूरत पड़ती है।
आपको कानून के बारे में सही सलाह एक वकील के द्वारा ही प्राप्त होती है, अगर आप भी एक वकील बनना चाहते हैं तो वकील बनने के लिए आपको कानून के क्षेत्र में LLM का कोर्स करना होता है।
सारांश
एलएलएम करने के फायदे बहुत सारे होते हैं, जैसे बहुत सारे लोगों को लगता है कि एलएलएम का कोर्स करने के बाद वह सिर्फ एक वकील के तौर पर कम कर सकते हैं लेकिन इसके अलावा भी अन्य बहुत सारे करियर ऑप्शन होते हैं।
इसके अलावा भी अन्य कौन-कौन से करियर ऑप्शन है, जिसको करके आप अपना एक अच्छा करियर बना सकते हैं उन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी इस आर्टिकल में बताई है।
आशा करती हु, मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, धन्यावद।
FAQ : एलएलएम के फायदे से जुड़े कुछ प्रश्न
एलएलएम करने के बाद आप वकील, Attorney general, public procedure, Magistrate, Legal advisor, District Judge आदि बनाकर अपना एक अच्छा करियर बना सकते हैं।
किसी भी छात्र को एलएलएम का कोर्स करने के लिए बीए एलएलबी में 50 से 60% मार्क्स चाहिए।
UK में LLM की डिग्री को विश्व में मान्यता प्राप्त है। यूके से एलएलएम का कोर्स करना सबसे अच्छा माना जाता है।