आज हम जानेंगे कि केरल के राजधानी कहां है? (kerala ki rajdhani kahan hai) या केरल की राजधानी क्या है? (kerala ki rajdhani kya hai) तथा केरल की राजधानी में एवं केरल में प्रसिद्ध स्थल कौन कौन से है? इसके बारे में हम पूरे विस्तार से जानेंगे।
केरल की राजधानी क्या है? (kerala ki rajdhani kahan hai)
केरल की राजधानी ‘तिरुवनंतपुरम ‘ है।
भारत देश के केरल प्रांत की राजधानी तिरुअनंतपुरम है। इस नगर के नाम का अर्थ है भगवान अनंत का वासस्थान। इसे त्रिवेंद्रम के नाम से भी जाना जाता है, इसीलिए यह देवताओं की नगरी के नाम से भी मशहूर है। यह नगर तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित है जो इसका मुख्यालय भी है।
भारत के सुदूर दक्षिण पश्चिम तट पर केरल में बसे इस नगर को महात्मा गांधी द्वारा नित हरा नगर की संज्ञा भी दी गई थी। यह शहर केरल की राजनीतिक एवं शैक्षिक व्यवस्था का केंद्र है। 1956 में केरल राज्य के गठन के बाद इसे केरल की राजधानी के रूप में चुना गया, इससे पहले यह त्रावनकोर कोचीन की राजधानी थी।
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 744739 थी, जिससे जनसंख्या घनत्व 5284 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो जाती है।
क्षेत्रफल में यह शहर 141.74 वर्ग किलोमीटर यानी 55 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है एवं समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 5 मीटर यानी लगभग 16 फीट की है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 3301427 जिसमें से पुरुषों की जनसंख्या 1581678 एवं महिलाओं की जनसंख्या 1719749 है।
लिंगानुपात में प्रति हजार पुरुष 1087 महिलाएं है। यहां की कुल साक्षरता दर 93.02% है वही पुरुषों एवं महिलाओं में यह क्रमशः 95.06% एवं 91.17% है जोकि अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छी है।
केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम की भूगोल एवं जलवायु
भूगोल एवं जलवायु में तिरुवनंतपुरम भारत देश के केरल राज्य के दक्षिण पश्चिमी तट पर स्थित है, जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 16 फीट के करीब है । वहीं अरब सागर एवं पश्चिमी घाट के बीच यह लगभग 250 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।
जलवायु की स्थिति में नगर की जलवायु उष्ण कटिबंधीय सवाना जलवायु और उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु के बीच की है, जिससे यहां विभिन्न ऋतुओं का अनुभव नहीं हो पाता है। न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस यानी 70 डिग्री फारेनहाइट एवं अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस यानी 93 डिग्री फॉरेनहाइट के बीच रहती है। वर्षा ऋतु के दौरान वातावरण में आद्रता 90% तक बढ़कर और अधिक हो जाती है।
धार्मिक क्षेत्र में यहां हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या अधिक है। पूरी जनसंख्या का 66.46 प्रतिशत हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं। 13.72 परसेंट मुसलमान, 19.10 परसेंट ईसाई, 0.01% सिख, एवं अन्य कुछ प्रतिशत बौद्ध, जैन एवं अन्य धर्मों से संबंध रखते हैं।
केरल में शिक्षा का क्षेत्र
शिक्षा के क्षेत्र में केरल भारत के सबसे अग्रणी राज्य में से है। भारत देश की सबसे विकसित शैक्षणिक प्रणालियों में से केरल एक है। यहां का औसत साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत साक्षरता दर से काफी अधिक है जो यहां पर अच्छी शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के महत्व पर अधिक ध्यान दिए जाने को दर्शाता है।
6 से 11 वर्ष के बीच प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है। यहां की राजधानी तिरुवनंतपुरम के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान तथा भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान प्रमुख नाम है। अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी केंद्र जैसे प्रसिद्ध संस्थानों के नाम आते हैं।
केरल की राजधानी में पर्यटन स्थल
पर्यटन के दृष्टिकोण से तिरुअनंतपुरम में कई आकर्षक पर्यटन स्थल मौजूद है, जो विश्व भर से पर्यटकों को आकर्षित करते है। मुख्य पर्यटन स्थलों में-
तिरुअनंतपुरम वेधशाला जोकि तिरुवनंतपुरम के संग्रहालय परिषद में स्थित है, इसका निर्माण महाराजा स्वाति तिरुनाल के द्वारा 1937 में करवाया गया था जो कि भारत की सबसे पुरानी वेधशाला में से एक है। यहां अंतरिक्ष से संबंधित जानकारी दी जाती है। पहाड़ी के सामने गुलाब के फूलों का अद्भुत संग्रह एक सुंदर उद्यान बनाता है। वर्तमान में जिसकी पर्यवेक्षन केरल विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा की जाती है।
भारत के सबसे प्रमुख वैष्णव मंदिरों में से एक एवं तिरुअनंतपुरम का एक ऐतिहासिक स्थल श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम में ही स्थित है। यह एक सात मंजिला गोपुरम मंदिर है जिसका परिसर बहुत ही विशाल है।
इस मंदिर का निर्माण केरल और द्रविडियन वास्तुशिल्प में किया गया है जो दक्षिण भारतीय वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। पद्मा तीर्थम, पवित्र कुंड, कुलशेखर मंडप और नवरात्रि मंडप मिलकर इस मंदिर की शोभा को और बढ़ाते हैं।इस मंदिर में दो वार्षिक उत्सव मनाया जाते हैं जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
नेपियर संग्रहालय से के उत्तर पूर्व में 800 मीटर की दूरी पर स्थित कनककुन्नु महल केरल सरकार से संबंधित है, जिसका निर्माण श्री मूलम तिरुनल राजा के शासनकाल में एक छोटी सी पहाड़ी पर कराया गया था। यह महल अपने आंतरिक सजावट की खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
तिरुवंतपुरम में भारत का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है जो कि पीएम जी संगम के पास स्थित है । यह जैविक उद्यान वनस्पति उद्यान का भाग है जो कि 55 एकड़ में फैला हुआ है।
वाइजिनजाम मछुआरों का गांव है, इसकी दूरी तिरुवनंतपुरम से 17 किलोमीटर की है। यह अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा और बीच रिजॉर्ट के लिए विख्यात है। यहां चट्टान को काटकर बनाई गई गुफा जहां विनधरा दक्षिण मूर्ति का एक मंदिर है यहां का एक और आकर्षण है। यहां का मरीन एक्वेरियम भी रंग बिरंगी मरीन लाइफ के प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है।
अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों में कनककुन्नू महल, चाचा नेहरू बाल संग्रहालय, नेपियर संग्रहालय, कोवलम बीच, शखुमुखम बीच, अट्टुकाल देवी का मंदिर आते हैं जिनकी अपनी ही विशेषता है। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम के निकटवर्ती पर्यटन स्थलों में नेय्यर वन्य जीव अभ्यारण और नेय्यर बांध, एवं अगस्त्यकुड़म जैसे स्थानों का नाम आता है।
परिवहन एवं यातायात की सुविधा
परिवहन यानी यातायात में यहां वायु मार्ग, रेल मार्ग, एवं सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में देश के कुछ प्रमुख शहर जैसे chennai, bengaluru, कोच्चि एवं कन्याकुमारी से शहर के लिए नियमित बस सुविधा उपलब्ध है। तिरुअनंतपुरम बस अड्डे से लंबी दूरी की बसें चलती है। राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे से अन्य निजी वाहनों द्वारा भी सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है।
वायु मार्ग में देश के अन्य मुख्य शहरों जैसे दिल्ली मुंबई चेन्नई गोवा आदि से तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन के लिए उड़ाने भरी जाती है जिनमें देश के विभिन्न फ्लाइट कंपनियां कार्य करती है।
रेल मार्ग में तिरुवनंतपुरम के लिए मुंबई दिल्ली चेन्नई गोवा बैंगलोर कन्याकुमारी और उन जैसे कुछ अन्य नगरों से नियमित रूप से ट्रेनें चलती है। यहां के रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन दूसरे शहरों के लिए ट्रेनें आती और जाती है।