आज हम जानेंगे कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी कहां है? (himachal pradesh ki rajdhani kahan hai) या हिमाचल प्रदेश की राजधानी क्या है? (Capital of Himachal Pradesh in hindi) तथा हिमाचल एवं हिमाचल प्रदेश की राजधानी में प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?
हिमाचल प्रदेश की पूरी जानकारी विस्तार से जानने के लिए इससे पूरे ध्यान से पढ़ें?
हिमाचल प्रदेश की राजधानी क्या है? (himachal pradesh ki rajdhani kahan hai)
हिमाचल प्रदेश की वर्तमान में दो राजधानियां हैं। 1971 में हिमाचल प्रदेश जब एक राज्य बना तब शिमला को हिमाचल प्रदेश की राजधानी के रूप में चुना गया था परंतु 19 जनवरी 2017 से धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी के रूप में चुना गया है। यानी अब हिमाचल प्रदेश की दो राजधानियां है, पहला शिमला जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी(summer capital) कहा जाता है एवं दूसरा धर्मशाला जिसे शीतकालीन राजधानी (winter capital) कहा जाता है।
शिमला
शिमला भारत के उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा नगर तथा हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यह शिमला जिले का मुख्यालय भी है जोकि उत्तराखंड, मंडी और कुल्लू, किन्नौर, सिरमौर और सोलन जैसे जिलों से घिरा है। 1864 में इसी शहर को ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। जिसके बाद यह पंजाब प्रांत की भी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनी थी।
भारत देश को आजादी मिलने के बाद इसे पूर्वी पंजाब की राजधानी बनाया गया था जिसके पश्चात हिमाचल प्रदेश राज्य का गठन होने पर इसे हिमाचल प्रदेश की राजधानी चुना गया। पहाड़ों की मौजूदगी एवं उनके सुंदरता के कारण शिमला को अक्सर पहाड़ों की रानी कह कर भी पुकारा जाता है जोकि इस राज्य का सांस्कृतिक, वाणिज्यिक एवं शैक्षिक केंद्र है।
जनसंख्या एवं क्षेत्रफल
जनसंख्या एवं क्षेत्रफल में वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या जनगणना के अनुसार शिमला की जनसंख्या 1.7 लाख के लगभग की दर्ज की गई थी। जिससे कि जनसंख्या घनत्व 120 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर की हो जाती है। कुल जनसंख्या में 93515 पुरुष एवं 76426 महिलाएं शामिल है।
शहर की साक्षरता दर 93.6 दिन प्रतिशत एवं महानगरीय क्षेत्र की साक्षरता दर 94.14 प्रतिशत है। 2001 की जनसंख्या जनगणना के मुकाबले 2011 की जनगणना में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। संपूर्ण जनसंख्या का लगभग 55% 16 से 45 वर्ष के आयु की जनसंख्या है एवं 28% आबादी की उम्र 15 साल से कम है।
लिंगानुपात में 2001 के अनुसार प्रति हजार पुरुष 930 महिलाएं मौजूद है जोकि हिमाचल प्रदेश राज्य के लिंगानुपात की तुलना में कम है। वही क्षेत्रफल में शिमला शहर 35.34 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2130 मीटर की है।
भूगोल तथा जलवायु
भूगोल तथा जलवायु में शिमला शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 350 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पूर्व में स्थित है जहां से दिल्ली की दूरी लगभग 7 घंटे की है। शिमला शहर को सात पहाड़ियों के ऊपर बनाया गया था जिनमें इनवर्म हिल, समर हिल, bantony हिल, प्रोस्पेक्ट हिल, ऑब्जर्वेटरी हिल, एलिसियम हिल एवं जाखू हिल शामिल है। शिमला में जाखू पहाड़ी यहां का उच्चतम बिंदु है जो कि 2454 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
शहर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर सतलज नदी बहती है। जलवायु में शिमला की जलवायु उपोष्णकटिबंधीय उच्चभूमि है जिससे सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठंड एवं ग्रीष्म काल में मध्यम रूप से गर्मी रहती है। पूरे साल के दौरान औसत तापमान -4 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है।
शिक्षा के क्षेत्र में इस शहर में 63 प्राथमिक विद्यालय और 14 आंगनबाड़ी है जिसमें से कई स्कूल ब्रिटिश युग के हैं। प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालय हैं। एवं शहर के लोकप्रिय स्कूलों में शिमला पब्लिक स्कूल सैंट एडवर्ड स्कूल बिशप कॉटन स्कूल डीएवी स्कूल तारा हॉल दयानंद पब्लिक स्कूल एवं ऑकलैंड स्कूल जैसे अन्य कुछ और स्कूल प्रमुख है।
हिमाचल का शिमला अपने राज्य का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है। यह शहर लगभग 7267 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां पूरी वर्ष ठंडी हवाएं बहती है एवं मौसम सुहाना लगता है। यहां का सुखद मौसम इसे उत्तर भारत का सबसे लोकप्रिय पर्वतीय स्थान बनाती हैं। शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में रिज जो कि शहर के मध्य में एक बड़ा और खुला स्थान है और यहां से पर्वत श्रृंखलाओं का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। क्राइस्टचर्च और न्यू ट्यूडर पुस्तकालय का भवन भी दर्शनीय है।
कालीबाड़ी मंदिर जोकि स्कैंडल प्वाइंट से जनरल पोस्ट ऑफिस कि और कुछ गज की दूरी पर स्थित है जहां श्यामला देवी की मूर्ति स्थापित है। जाखू मंदिर जो कि शिमला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है भगवान हनुमान का एक प्राचीन मंदिर है। राज्य संग्रहालय, प्रोस्पेक्ट हिल, समर हिल संकट मोचन तारा देवी जैसे स्थान यहां के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिने जाते हैं।
परिवहन यानी यातायात
परिवहन यानी यातायात में शिमला पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग, हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में शिमला तक रोड की अच्छी कनेक्टिविटी है। National Highway 22 से चंडीगढ़ से शिमला पहुंचा जा सकता है। वहीं राज्य की राजधानी दिल्ली से शिमला 370 किलोमीटर दूर है। शिमला तक देश के दूसरे बड़े शहरों से सीधी बस सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा कार टैक्सी जैसे निजी वाहनों से भी सड़क मार्ग द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।
हवाई मार्ग में शिमला शहर में कोई एयरपोर्ट नहीं है शहर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जुबरहट्टी एयरपोर्ट है जो कि शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप दिल्ली यह चंडीगढ़ एयरपोर्ट से जुबरहट्टी एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर सकते हैं।
रेल मार्ग में शिमला का सबसे नजदीकी स्टेशन कालका है जो कि शहर को कोलकाता और दिल्ली के साथ देश के अन्य मुख्य शहरों से जोड़ता है। कालका से शिमला के लिए टॉय ट्रेन चलती है।
धरमशाला
धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के दूसरी राजधानी है इस हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी कहा जाता है। यह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक नगर है। यह कांगड़ा नगर से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत चुने गए 100 नगरों में से धर्मशाला को भी एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है।
क्षेत्रफल और जनसंख्या में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 30764 है। एवं क्षेत्रफल में यह 27.6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1457 मीटर यानी 4780 फीट के करीब है। हरियाणा की साक्षरता दर 89.01 फीसदी है।
भूगोल एवं जलवायु में यह नगर 851 हेक्टर क्षेत्र में फैला हुआ है जहां से संपूर्ण कांगड़ा घाटी दिखाई पड़ती है इस शहर का उत्तरी भाग हरे जंगलों से घिरा है एवं पश्चिम में ढलानदार खेत स्थित है तथा पूर्व व दक्षिण में धौलाधार के घटिया है। जलवायु में इस नगर की जलवायु उपोष्ण कटिबंधीय है जिससे यहां का औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 34 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है।
ऋतु में जनवरी का महीना सबसे ठंडा एवं सबसे गर्म महीना जून का होता है। ज्यादातर बारिश जुलाई से सितंबर के बीच होती है जहां वार्षिक औसत वर्षा 1800 मिलीमीटर होती है। मौसम के मामले में यहां का मौसम बहुत ही सुहावना होता है जिसमें हरे-भरे जंगलों के मनमोहक दृश्य एवं घाटी का विस्तृत दृश्य इसे और मनोरम बनाते हैं।
पर्यटन स्थलों में यहां का ऐतिहासिक डल झील एवं खनियारा व कंजार महादेव मेला प्रमुख है। यहां तिब्बती शरणार्थियों के निवास स्थान भी है। हिंदुओं के कुछ मंदिर जैसे कुणाल पथरी भागसुनाग एवं चिन्मनया एवं इनके साथ-साथ चामुंडा देवी, कांगड़ा का बृजेश्वरी, चिंतपूर्णी मंदिर एवं ज्वालामुखी जैसे मंदिर नगर के निकट पड़ते हैं। धार्मिक स्थलों के अलावा शोभा सिंह आर्ट गैलरी अंदरैटा व बैजनाथ एवं पालमपुर जैसे पर्यटन स्थल आकर्षण का कार्य करते हैं।
परिवहन यानी यातायात में यहां सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग में देश के मुख्य शहरों से बस एवं निजी वाहनों द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे 154 और नेशनल हाईवे 504 धर्मशाला को देश के अन्य बड़े और प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जोड़ते हैं। राष्ट्र के प्रमुख बड़े शहरों से यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है।
वायु मार्ग में धर्मशाला सीधे तौर पर किसी शहर से नहीं जुड़ा है यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गग्गल एयरपोर्ट है जो कि शहर से 13 किलोमीटर दूर है एवं इस एयरपोर्ट के लिए केवल दिल्ली से उड़ानें भरी जाती है।इसके अलावा आप चंडीगढ़ तक की फ्लाइट पकड़ कर वहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं।
रेल मार्ग से यहां जाने के लिए धर्मशाला में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है पठानकोट रेलवे स्टेशन यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। पठानकोट से धर्मशाला की दूरी 85 किलोमीटर है यहां से आप बस या टैक्सी द्वारा धर्मशाला जा सकते हैं। जो कि कुछ घंटों की दूरी पर है। इसके अलावा कांगड़ा रेलवे स्टेशन यहां से 22 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन यहां ज्यादा एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं रूकती है। देश के दूसरे प्रमुख क्षेत्र से आप चंडीगढ़ तक ट्रेन से आकर वहां से सड़क मार्ग द्वारा धर्मशाला पहुंच सकते हैं।